ओला, उबर के न आने पर बेंगलुरु के एक यात्री ने पोर्टर ऐप का इस्तेमाल कर खुद को ऑफिस पहुंचाया, लोगों ने कहा- 'जीनियस'
By रुस्तम राणा | Updated: February 7, 2025 15:29 IST2025-02-07T15:29:32+5:302025-02-07T15:29:37+5:30
तस्वीर में वह एक डिलीवरी पार्टनर के साथ सवारी करते हुए और कंपनी की ब्रांडिंग वाला हेलमेट पहने हुए दिखाई दे रहा है। उसके कैप्शन में लिखा था: "आज मुझे खुद को ऑफिस ले जाना पड़ा क्योंकि ओला, उबर नहीं है।"

ओला, उबर के न आने पर बेंगलुरु के एक यात्री ने पोर्टर ऐप का इस्तेमाल कर खुद को ऑफिस पहुंचाया, लोगों ने कहा- 'जीनियस'
Bengaluru News: बेंगलुरु के एक निवासी को राइड-हेलिंग सेवाओं के लिए लंबे समय तक प्रतीक्षा करनी पड़ रही थी, उसने उबर और ओला पर सवारी खोजने में कठिनाइयों के कारण काम पर जाने के लिए एक सामान डिलीवरी ऐप, पोर्टर का इस्तेमाल किया। सोशल मीडिया पर पथिक के नाम से मशहूर इस व्यक्ति ने 6 फरवरी को पोर्टर टू-व्हीलर पर पीछे बैठे हुए अपनी एक तस्वीर पोस्ट की। तस्वीर में वह एक डिलीवरी पार्टनर के साथ सवारी करते हुए और कंपनी की ब्रांडिंग वाला हेलमेट पहने हुए दिखाई दे रहा है। उसके कैप्शन में लिखा था: "आज मुझे खुद को ऑफिस ले जाना पड़ा क्योंकि ओला, उबर नहीं है।"
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
पथिक की 6 फरवरी को शेयर की गई पोस्ट ने तुरंत ही लोकप्रियता हासिल कर ली और इसे 32,000 से ज़्यादा बार देखा गया। कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने बेंगलुरु के ट्रैफ़िक और राइड-हेलिंग चुनौतियों के समाधान के रूप में उनकी सरलता की प्रशंसा की। कई यूज़र्स ने इसे "बेंगलुरू का एक प्रतिभाशाली पल" कहा, शहर के ट्रैफ़िक और राइड-हेलिंग में देरी के लिए उनके रचनात्मक समाधान की सराहना की। कुछ यूज़र्स ने बताया कि उन्होंने इसी तरह के विकल्पों के बारे में सोचा था लेकिन कभी उन्हें आज़माया नहीं, जबकि अन्य ने भीड़भाड़ से बचने के लिए काम के घंटों को बदलने का सुझाव दिया।
had to porter myself to office today cuz no ola uber :( pic.twitter.com/pzLHoTG2QF
— pathik (@pathikghugare) February 6, 2025
this is actually genius lmaooo
— Jayesh 🌱 (@supremebattak) February 6, 2025
modern problems require modern solutions huh?
— kash (@varmology) February 6, 2025
राइड-हेलिंग ऐप और ट्रैफ़िक संबंधी समस्याएँ
बेंगलुरु में राइड-हेलिंग सेवाओं को अक्सर भारी ट्रैफ़िक के कारण लंबे समय तक प्रतीक्षा करने और उच्च किराए का सामना करना पड़ता है। एक अलग घटना में, फ़्लाईओवर पर ट्रैफ़िक में फंसे बेंगलुरु के एक व्यक्ति को राइड-हेलिंग ऐप रैपिडो से एक सुरक्षा जाँच संदेश मिला। उस व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि यह संदेश तब आया जब उसका ऑटो-रिक्शा लंबे समय तक स्थिर रहा।
जब वाहन काफी समय तक रुके रहते हैं, तो राइड-हेलिंग सेवाओं से ऐसे अलर्ट आम हैं। इस मामले में, बेंगलुरु के भारी ट्रैफ़िक ने सुरक्षा अलर्ट को ट्रिगर किया। बेंगलुरु की यातायात और राइड-हेलिंग चुनौतियाँ यात्रियों को वैकल्पिक समाधानों की ओर धकेलती रहती हैं, जिसमें पथिक की पोर्टर राइड जैसे रचनात्मक दृष्टिकोण शामिल हैं।