'नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उस वक्त 6 हजार करोड़ रुपये का कोयला घोटाले हुआ', कांग्रेस ने लगाया बड़ा आरोप

By शीलेष शर्मा | Published: February 23, 2022 08:20 PM2022-02-23T20:20:23+5:302022-02-23T20:30:42+5:30

कांग्रेस का आरोप है कि साल 2007 में केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार ने कोयले आवंटन के लिए जो नीति बनाई थी, गुजरात सरकार ने उसे ताक पर रखकर अपने हिस्से का कोयला दूसरे राज्य को बेच दिया था।

'When Narendra Modi was the Chief Minister of Gujarat, there was a coal scam of 6 thousand crores at that time', Congress made a big allegation | 'नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उस वक्त 6 हजार करोड़ रुपये का कोयला घोटाले हुआ', कांग्रेस ने लगाया बड़ा आरोप

'नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उस वक्त 6 हजार करोड़ रुपये का कोयला घोटाले हुआ', कांग्रेस ने लगाया बड़ा आरोप

Highlightsकांग्रेस ने कथित तौर पर हुए कोयला घोटाले की निर्धारित समय के भीतर जांच कराने की मांग की हैराहुल गांधी ने ट्वीट किया है, क्या इस कोयला घोटाले पर प्रधान ‘मित्र’ मंत्री जी कुछ कहेंगे?" कांग्रेस तत्कालीन नरेंद्र मोदी सरकार पर 6 हजार करोड़ रुपये के कोयला घोटाले का आरोप लगा रही है

दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गुजरात में मुख्यमंत्री रहने के दौरान कथित रूप से हुए 6 हजार करोड़ रुपये के कोयला घोटाले में एक बार फिर जांच की मांग उठ रही है।

काग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने मौजूदा प्रधानमंत्री और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में हुए कोयला घोटाले पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया है, "60 लाख टन कोयला “ग़ायब”! क्या इस कोयला घोटाले पर प्रधान ‘मित्र’ मंत्री जी कुछ कहेंगे?" 

इसके साथ ही कांग्रेस ने इस मामले में दावा किया कि कोल इंडिया से उद्योग और कारोबारियों के लिये जो कोयला गुजरात की तत्कालीन मोदी सरकार ने मंगाया था उसे ठिकाने पह पहुंचने के पहले ही बेच दिया गया था। नतीजा यह हुआ कि गुजरात के कारोबारी कोयले की आपूर्ति को लेकर हाथ मलते रह गए थे।

सूत्रों के मुताबिक राज्य की तत्कालीन मोदी सरकार और नौकरशाहों की मिलीभगत से 60 लाख टन कोयला चार गुनी कीमत पर बाहर बेच दिया गया था। इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने बताया कि राज्य सरकार ने कागजों पर कोयला आवंटन करने की जो सूची पेश की थी वह न केवल फर्जी थी बल्कि उन कंपनियों का अस्तित्व ही मौजूद नहीं था।

आरोप है कि साल 2007 में केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार ने कोयले आवंटन के लिए जो नीति बनाई थी, गुजरात सरकार ने उसे ताक पर रखकर कोयले को बाहर बेच दिया, जो वास्तव में उन्हें मिला ही नहीं, जो उसके हकदार थे।

कांग्रेस ने कथित तौर पर इस पूरे मामले की निर्धारित समय सीमा में जांच कराने की मांग की। इसके साथ ही पार्टी ने यह मांग भी की है कि ईडी, आयकर और दूसरी जांच एजेंसियां इस मामले में प्रस्तुत किये गये फर्जी बिलों की जांच करके तुरंत आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करें।

दरअसल यह मामला गुजरात के छोटे और मध्यम उद्योगों को दिए जाने कोयले से जुड़ा है। इन उद्योगों को बीते 14 साल में जो 60 लाख टन कोयला दिया जाना था।

रिपोर्ट के मुताबिक वह दूसरे राज्य के उद्योगों को लगभग चार गुना अधिक दाम पर बेच दिया गया है। कांग्रेस इसमें गुजरात की तत्कालीन नरेंद्र मोदी सरकार पर करीब 6 हजार करोड़ रुपये का घोटाले का आरोप लगा रही है। 

Web Title: 'When Narendra Modi was the Chief Minister of Gujarat, there was a coal scam of 6 thousand crores at that time', Congress made a big allegation

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