Manmohan Singh Demise: कब और कहां होगा मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार, पूर्व पीएम के अंतिम संस्कार में क्या होगा प्रोटोकॉल? जानें यहां

By अंजली चौहान | Updated: December 27, 2024 14:12 IST2024-12-27T14:07:47+5:302024-12-27T14:12:48+5:30

Manmohan Singh Demise:सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री के लिए 7 दिन के शोक और राजकीय अंतिम संस्कार की घोषणा की

When and where will Manmohan Singh funeral be held what will be protocol in funeral of former PM Know here | Manmohan Singh Demise: कब और कहां होगा मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार, पूर्व पीएम के अंतिम संस्कार में क्या होगा प्रोटोकॉल? जानें यहां

Manmohan Singh Demise: कब और कहां होगा मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार, पूर्व पीएम के अंतिम संस्कार में क्या होगा प्रोटोकॉल? जानें यहां

Manmohan Singh Demise: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को देश-विदेश से श्रद्धांजलि दी जा रही है। डॉक्टर मनमोहन सिंह, जिनका निधन गुरुवार रात एम्स अस्पताल में हुआ, उनके अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर दिल्ली के मोतीलाल नेहरू मार्ग स्थित उनके आवास पर रखा गया है। उनका पार्थिव शरीर कल रात एम्स से यहां लाया गया था। अब आज उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा, जहां खास लोगों के साथ-साथ आम लोग भी उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे। पूर्व पीएम का अंतिम संस्कार कल किया जा सकता है। इसका औपचारिक ऐलान आज कांग्रेस की ओर से किया जाएगा। 

पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। केंद्र सरकार ने पूर्व पीएम के निधन पर सात दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान सभी सरकारी संस्थानों में तिरंगा आधा झुका रहेगा। 

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार रात 92 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद मनमोहन सिंह को दिल्ली एम्स के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था।

वह भारत के प्रधानमंत्री के रूप में दो बार इस कार्यभार को संभाल चुके हैं। 

पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार का प्रोटोकॉल क्या है?

भारत में पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार के दौरान एक विशेष राज्य प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है। इसका उद्देश्य देश के लिए उनके योगदान और पद की गरिमा का सम्मान करना है।

ऐसे में अंतिम संस्कार से पहले पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर को भारत के राष्ट्रीय ध्वज यानी तिरंगे में लपेटा जाता है।

इसके अलावा दाह संस्कार के दौरान 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है। इस सलामी को राजकीय सम्मान के सर्वोच्च स्तर का प्रतीक माना जाता है।

पूर्व प्रधानमंत्री की अंतिम यात्रा के दौरान सुरक्षा और प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाता है। आम जनता से लेकर गणमान्य व्यक्ति और राजनेता उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होते हैं।

इसके अलावा सैन्य बैंड और सशस्त्र बलों के जवान भी अंतिम संस्कार जुलूस में शामिल होते हैं और पारंपरिक मार्च करते हैं।

कहां हो सकता है दाह संस्कार?

देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार दिल्ली में विशेष स्मारक स्थलों पर किया जाता है, जैसे जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का अंतिम संस्कार राजघाट परिसर में किया गया था। वहीं कई पूर्व प्रधानमंत्रियों के लिए अलग से समाधि स्थल भी बनाया जाता है। हालांकि, दाह संस्कार की विधि मृतक व्यक्ति और उसके परिवार के सदस्यों की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होती है।

आमतौर पर पूर्व प्रधानमंत्रियों का दाह संस्कार दिल्ली में होता है, लेकिन कई मामलों में यह प्रक्रिया संबंधित व्यक्ति के गृह राज्य में भी हो सकती है। उनके दाह संस्कार में देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहते हैं।

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