58 माह में देश भर के FCI गोदामों में 25 करोड़ रुपये का गेहूं और चावल हुआ खराब, RTI से हुआ खुलासा
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 10, 2020 02:59 PM2020-03-10T14:59:04+5:302020-03-10T14:59:04+5:30
2015-16 से अब तक 58 माह में करीब 25 करोड़ रुपए से अधिक कीमत का गेहूं व चावल खराब हो गया। यह जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मिली है।
एफसीआई (फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) के गोदामों में जगह की कमी की वजह से बाहर रखे जाने वाले अनाज को बर्बाद होना कोई नई बात नहीं है। लेकिन, आरटीआई से खुलासा हुआ कि देश के अलग-अलग गोदामों में रखे जाने वाले अनाज भी सुरक्षित नहीं है। एफसीआई ने एक आरटीआई के जवाब में जो आंकड़े दिए हैं, वह इस बात की पुष्टि करता है कि भारी मात्रा में गोदामों में रखा अनाज भी हर साल खराब हो जा रहा है।
2015-16 से अब तक 58 माह में करीब 25 करोड़ रुपए से अधिक कीमत का गेहूं व चावल खराब हो गया। यह जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मिली है। आरटीआई कार्यकर्ता अभय कोलारकर ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत ये जानकारी हासिल की है। इसमें पूछा गया था कि 2015-16 से जनवरी 2020 तक की अवधि में एफसीआई की ओर से देश भर में कितना अनाज सही सलामत नहीं रह सका। इसके जवाब में कहा गया कि 2025-16 से जनवरी 2020 तक 0.216 एलएमटी (लाख मीट्रिक टन) गेहूं व चावल खराब हुआ।
2016-17 में सर्वाधिक नुकसान-
इस रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि 2016-17 में सर्वाधिक अनाजों का नुकसान हुआ है। इस एक साल में 0.09 एलएमटी गेहूं व चावल खराब हो गए। इससे 9 करोड़ 12 लाख रुपए का करीब नुकसान हुआ है। 2018-19 में 6 करोड़ 73 लाख रुपए का करीब नुकसान हुआ था।
चूहों से कोई नुकसान नहीं-
आमतौर पर गोदामों में चूहे अनाज को खाते हैं। लेकिन, एफसीआई ने दावा किया कि गोदामों में चूहे की वजह से अनाज का कोई नुकसान नहीं हुआ है। एफसीआई की मानें तो वैज्ञानिक ढंग से भंडारण किए जाने व समय-समय पर पेस्ट कंट्रोल की वजह से अनाज पर ज्यादा चूहों का असर नहीं हुआ है। इसके बाद भी यह सवाल बना हुआ है कि यदि चूहों की वजह से गोदामों के अंदर रखा अनाज खराब नहीं हुआ तो 25 करोड़ रुपए का अनाज आखिर किन वजहों से खराब हुआ है।