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WhatsApp स्पाईवेयर: हैदराबाद के वकील का भी नंबर हुआ हैक, बताई आपबीती

By भाषा | Updated: November 2, 2019 18:31 IST

फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी व्हाट्सऐप ने 31 अक्टूबर को कहा कि इजराइली स्पाईवेयर ‘पेगासस’ का इस्तेमाल करके अज्ञात इकाइयों द्वारा वैश्विक स्तर पर जासूसी की जा रही है।

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ठळक मुद्देभारत के कुछ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं।व्हाट्सऐप ने कहा है कि वह एनएसओ ग्रुप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही है।

हैदराबाद शहर के एक नागरिक अधिकार अधिवक्ता को पेगासस द्वारा निशाना बनाया गया जिसने पूरी दुनिया में 1400 नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं, वकीलों और पत्रकारों को शिकार बनाया है।

बी. रवींद्रनाथ ने कहा कि उन्हें सात अक्टूबर से उनके व्हाट्सऐप पर एक अज्ञात अंतरराष्ट्रीय नम्बर से संदेश मिलने शुरू हुए थे जिसमें दावा किया गया था कि यह कनाडा स्थित सिटिजंस लैब्स से किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि फोन करने वाले कह रहे थे कि वे हैकिंग पर एक सर्वेक्षण कर रहे हैं जिसे उन्होंने नजरअंदाज कर दिया।

रवींद्रनाथ ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैंने सोचा ये (संदेश) स्पैम या धोखाधड़ी से जुड़े हो सकते हैं। इसके बाद उसी व्हाट्सऐप नम्बर से व्हाट्सऐप कॉल भी आयी। मैंने उसे भी नजरंदाज किया। 29 अक्टूबर को मुझे व्हाट्सऐप से एक आधिकारिक संदेश प्राप्त हुआ जिसमें कहा गया है हो सकता है कि मेरा फोन हैक कर लिया गया हो। मैंने उसे भी नजरअंदाज किया। बाद में जब कंपनी ने वाद (एनएसओ समूह के खिलाफ) दायर किया, मुझे एहसास हुआ कि मेरा फोन हैक कर लिया गया है।’’

फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी व्हाट्सऐप ने 31 अक्टूबर को कहा कि इजराइली स्पाईवेयर ‘पेगासस’ का इस्तेमाल करके अज्ञात इकाइयों द्वारा वैश्विक स्तर पर जासूसी की जा रही है।

भारत के कुछ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं। व्हाट्सऐप ने कहा है कि वह एनएसओ ग्रुप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही है। यह इजराइली कंपनी है जो निगरानी करने का काम करती है। समझा जाता है कि इसी कंपनी ने वह प्रौद्योगिकी विकसित की है, जिसके जरिये जासूसों ने करीब 1,400 लोगों के फोन हैक किए हैं इनमें चार महाद्वीपों के लोग शामिल हैं।

इनमें राजनयिक, राजनीतिक विरोधी, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं। व्हाट्सऐप ने यह भी नहीं बताया कि भारत में कितने लोगों को इस जासूसी का निशाना बनाया गया या वे कौन लोग हैं। व्हाट्सऐप ने मंगलवार को एनएसओ समूह के खिलाफ अमेरिकी संघीय अदालत में एक वाद दायर किया।

रवींद्रनाथ ‘कमेटी फार रिलीज आफ पॉलिटिकल प्रिजनर्स’ (सीआरपीपी) के महासचिव हैं जिसे भदराद्री कोठागुडेम पुलिस द्वारा प्रतिबंधित भाकपा माओवादी का ‘‘मुखौटा संगठन’’ बताया गया है। पुलिस ने यह भी आरोप लगाया कि रवींद्रनाथ एवं अन्य शहरी क्षेत्रों में माओवादियों के लिए काम कर रहे हैं जो कि विचारधारा का प्रसार करना है।

अधिवक्ता ने आरोप को खारिज किया। उन्होंन कहा कि एक संगठन के तौर पर वे माओवादियों सहित ‘‘राजनीतिक कैदियों’’ की रिहायी के लिए काम करते हैं।

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