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क्या है 'फोनी' चक्रवाती तूफान और किसने रखा इसका ये नाम, जानिए इसके बारे में सबकुछ

By विनीत कुमार | Updated: May 3, 2019 10:02 IST

अत्यंत प्रचंड चक्रवाती तूफान ‘फोनी’ की वजह से ओडिशा के अनुमानित तौर पर 10,000 गांव और 52 शहर प्रभावित होने की आशंका है।

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ठळक मुद्देफोनी तूफान ओडिशा में समुद्री तट से शुक्रवार सुबह करीब 9 बजे टकरायापुरी समेत ओडिशा के कई इलाकों में भारी बारिश और तेज हवाएं, आंध्र और बंगाल में भी असर

चक्रवाती तूफान फोनी दस्तक दे चुका है और इसका असर ओडिशा सहित तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में ज्यादा है। खासकर ओडिशा में इसका असर सबसे ज्यादा है जहां पुरी के नजदीक यह समुद्री तट से शुक्रवार सुबह करीब 9 बजे टकराया। अनुमान के मुताबिक यह तूफान जब ओडिशा के तट से टकराया, तब हवा की गति 200 किलोमीटर प्रतिघंटा रही। इस बीच ओडिशा में राज्य सरकार ने 11 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है और लोगों से घरों में रहने को कहा गया है।

कैसे बना 'फोनी तूफान' 

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार फोनी के बनने की प्रक्रिया सुमात्रा के पश्चिम में हिंद महासागर में शुरू हुई। बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद यह चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया। इसी हफ्ते सोमवार की शाम यह और गंभीर हो गया और ओडिशा तट की ओर बढ़ने लगा। 

बांग्लादेश की सलाह पर तूफान का नाम रखा गया

इस तूफान का नाम 'फोनी' बांग्लादेश के सुझाव पर रखा गया। इसका मतलब सांप या सांप का फन होता है। बता दें कि उत्तर हिंद महासागर में बनने वाले चक्रवाती तूफान के नाम भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान और थाईलैंड के सुझाव पर रखे जाते हैं। इन देशों ने भविष्य में आने वाले तूफान के नाम के लिए 8-8 नाम सुझा रखे हैं। इन्हीं में से एक नाम फोनी है।

अत्यंत प्रचंड चक्रवाती तूफान ‘फोनी’ की वजह से ओडिशा के अनुमानित तौर पर 10,000 गांव और 52 शहर प्रभावित होने की आशंका है। ओडिशा सरकार द्वारा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का कार्य पहले से ही किया जा रहा है। सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए जा रहे लोगों के रहने के लिए लगभग 900 तूफान आश्रय स्थल पहले ही तैयार कर लिए गए हैं। 

इस चक्रवात से गंजाम, गजपति, खुर्दा, पुरी एवं जगतसिंहपुर, केन्द्रपाड़ा, भद्रक, जाजपुर एवं बालासोर सहित ओडिशा के कई तटीय जिलों के काफी प्रभावित होने का अंदेशा है। इसी तरह पश्चिम बंगाल के पूर्वी एवं पश्चिमी मेदिनीपुर, दक्षिणी एवं उत्तरी 24 परगना, हावड़ा, हुगली, झारग्राम एवं कोलकाता जिलों के साथ-साथ आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विजयनगरम और विशाखापत्तनम जिलों के भी इस तूफान से प्रभावित होने की आशंका है। 

भारतीय मौसम विभाग ने आगाह करते हुए कहा कि लगभग 1.5 मीटर ऊंची तूफानी लहर उत्पन्न होने की प्रबल आशंका है, जिससे तटीय क्षेत्र से तूफान के टकराने के समय ओडिशा के गंजाम, खुर्दा, पुरी और जगतसिंहपुर जिलों के निचले तटीय क्षेत्रों में बाढ़ आ सकती है।

(भाषा इनपुट के साथ)

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