पांच अगस्त 2019 के बाद जम्मू कश्मीर में बेहतरी के लिए क्या बदला: कांग्रेस का केंद्र से सवाल
By भाषा | Updated: August 5, 2021 19:11 IST2021-08-05T19:11:28+5:302021-08-05T19:11:28+5:30

पांच अगस्त 2019 के बाद जम्मू कश्मीर में बेहतरी के लिए क्या बदला: कांग्रेस का केंद्र से सवाल
जम्मू, पांच अगस्त कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई ने संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त किये जाने के दो साल पूरे होने पर बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार से सवाल किया कि इस दौरान तत्कालीन राज्य और राष्ट्र के लोगों की बेहतरी के लिए क्या बदला है?
पार्टी ने यह भी कहा कि तीन महीने के समय में 50,000 सरकारी नौकरियां और नौकरियों के लिए निजी क्षेत्र को खोलने का वादा जम्मू-कश्मीर के शिक्षित युवाओं के साथ एक "बड़ा धोखा" था।
पूर्व मंत्री एवं जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के उपाध्यक्ष रमण भल्ला ने यहां पत्रकारों से कहा, “पांच अगस्त 2019 के फैसले के दो साल बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों के फायदे और बेहतरी के लिए क्या बदला है? बल्कि, जम्मू-कश्मीर ने अपने निवासियों के लिए उपलब्ध अपनी पहचान, अधिकार और संरक्षण खो दिया है, जो देश के विभिन्न अन्य राज्यों में भी किसी न किसी रूप में उपलब्ध हैं।’’
उन्होंने दावा किया, “आतंकवादी गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं और आतंकवाद जम्मू क्षेत्र में भी अपने पैर पसार रहा है।” कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि स्थानीय व्यापारियों, ठेकेदारों, कारोबारियों और ट्रांसपोर्टरों का कारोबार बाहरी लोगों के हाथ में जा रहा है, खासकर जम्मू क्षेत्र में।
भल्ला ने कहा, “राज्य का दर्जा बहाल करने से अब तक इनकार करना इस बात का संकेत है कि इस क्षेत्र में हालात सामान्य नहीं हुए हैं।”
पूर्व मंत्री ने कहा, “ऐतिहासिक राज्य को कमतर करके केंद्र शासित प्रदेशों में बदलने के लिए इस्तेमाल किए गए सभी दावे और विशेषण एक असफल प्रयोग साबित हुए हैं। लोग चाहते हैं कि निवासियों की जमीन और नौकरी की सुरक्षा के साथ राज्य का दर्जा बहाल किया जाए।”
केंद्र ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को मिले विशेष राज्य के दर्जे को पांच अगस्त 2019 को रद्द कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों--जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख--में बांट दिया था।
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