पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थियों और वाल्मीकि समुदाय ने अनुच्छेद 370, 35-ए को निरस्त किये जाने का जश्न मनाया
By भाषा | Published: August 5, 2021 08:17 PM2021-08-05T20:17:28+5:302021-08-05T20:17:28+5:30
जम्मू, पांच अगस्त पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थियों ने अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों और अनुच्छेद 35-ए को निरस्त किये जाने की दूसरी वर्षगांठ पर बृहस्पतिवार को ढोलक बजाकर जश्न मनाया। केंद्र सरकार द्वारा दो साल पहले लिए गए इस फैसले के कारण पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थियों को जम्मू कश्मीर में नागरिकता के अधिकार प्राप्त हुए थे।
‘पाकिस्तान रिफ्यूजी एक्शन कमेटी’ के अध्यक्ष लाबा राम गांधी के नेतृत्व में समुदाय की महिलाओं, बच्चों समेत अन्य लोगों ने सीमा क्षेत्र में एकत्र होकर भारत माता की जय के नारे लगाए।
राम गांधी अनुच्छेद 370 के प्रावधानों और अनुच्छेद 35-ए को निरस्त करने तथा जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्रों में विभाजित करने के निर्णय का हवाला देते हुए यहां संवाददाताओं से कहा, “हम तिरंगा फहरा कर इसे अपने स्वतंत्रता दिवस के रूप में मना रहे हैं क्योंकि जम्मू कश्मीर में हमें वास्तविक स्वतंत्रता पांच अगस्त 2019 को मिली थी।”
इन शरणार्थियों को अब स्थानीय निवासियों के अधिकारी मिले हैं जिसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया। राम गांधी ने कहा, “हम जम्मू कश्मीर के अवांछित नागरिकों की तरह रह रहे थे। हमारे पास मतदान से लेकर नौकरी तक कोई अधिकार नहीं था। अब हम जम्मू कश्मीर के गौरवान्वित नागरिक हैं। अब हमारे बच्चों को सभी अधिकार मिल जाएंगे।”
पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी समुदाय के लोगों को पांच अगस्त 2019 तक संसदीय चुनाव को छोड़कर किसी भी अन्य चुनाव में मतदान करने का अधिकार प्राप्त नहीं था। इस समुदाय की तरह वाल्मीकि समुदाय के लोगों ने भी खुशी का इजहार किया।
वे वाल्मीकि मंदिर परिसर में एकत्र हुए और उन्होंने भारत के समर्थन में नारे लगाए। वाल्मीकि समाज की कार्यकर्ता राधिका गिल ने कहा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करना उन्हें नया जीवन देने जैसा है।
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