पश्चिम बंगाल स्पुतनिक-5 के दूसरे चरण के परीक्षण का मौका गंवाएगा
By भाषा | Published: November 22, 2020 10:12 PM2020-11-22T22:12:43+5:302020-11-22T22:12:43+5:30
(सुदीप्तो चौधरी)
कोलकाता, 22 नवंबर पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से परीक्षण के लिए मंजूरी मिलने में हो रही देरी के चलते यह राज्य रूस के कोविड-19 के संभावित टीके स्पुतनिक-5 के दूसरे चरण का क्लिनिकल परीक्षण करने का मौका गंवाएगा।
यह जानकारी परीक्षण कराने में शामिल एक संगठन के शीर्ष अधिकारी ने रविवार को दी।
यह परीक्षण उत्तर 24 परगना के सरकारी ‘कॉलेज ऑफ मेडिसन एंड सागोर दत्ता हॉस्पिटल(सीएमएसडीएच)’ में इस हफ्ते के अंत में शुरू होना था। इसी के साथ यह परीक्षण देश के अलग-अलग हिस्सों में छह अन्य केंद्रों में भी चलेगा।
स्थल प्रबंधन संगठन क्लिनीमेड लाइफ साइंसेज के व्यापार विकास प्रमुख एस कोनेर ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मंजूरी देने में राज्य के स्वास्थ्य विभाग के धीमे रवैये की वजह से हम सीएमएसडीएच में स्पुतनिक-5 टीके के दूसरे चरण के परीक्षण नहीं करवा पायेंगे। हमने चार नवंबर को मंजूरी के लिए आवेदन किया था, लेकिन अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यदि आज मंजूरी मिल भी जाती तो भी परीक्षण कराना व्यावहारिक नहीं होगा।’’
उन्होंने कहा कि सीएमएसडीएच में शुरुआती व्यवहार्यता प्रक्रिया अन्य केंद्रों के साथ शुरू हुई थी, जहां परीक्षण होना है, लेकिन वक्त पर मंजूरी नहीं मिल सकी।
कोनेर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की मंजूरी हासिल करने के बाद, परीक्षण शुरू करने से पहले अस्पताल की सांस्थानिक आचार समिति (आईईसी) की भी सहमति जरूरी होती है। उनके अनुसार अन्य छह संस्थानों की आईईसी ने परीक्षण के लिए पहले ही सहमति दे दी है।
संपर्क करने पर स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न उजागर करने के अनुरोध पर बताया, ‘‘यह हमारे विभाग का आंतरिक मामला है। बहरहाल, मेरा मानना है कि त्योहार होने की वजह से कई सरकारी छुट्टियां पड़ने के कारण मंजूरी प्रक्रिया में देरी हुई हो सकती है। मैं इस बारे में ज्यादा बात नहीं कर सकता हूं। हम इसे देखेंगे।’’
स्थल प्रबंधन संगठन ने परीक्षणों के वास्ते राज्य के स्वास्थ्य विभाग से मंजूरी प्राप्त करने से पहले सागर दत्ता अस्पताल में बुनियादी ढांचों एवं प्रशीतित भंडारण सुविधा के लिए जरूरी सर्वेक्षण किया था।
कोनेर ने कहा, ‘‘ किसी भी टीके या दवा का परीक्षण करने के लिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग से ऐसी मंजूरियों की जरूरत नहीं होती है। लेकिन आश्चर्यजनक ढंग से हमसे इस बारे में मंजूरी मांगने को कहा गया जिससे प्रक्रिया में देर हुई और अंतत: हम इसे गंवा रहे हैं।’’
स्पुतनिक-5 का परीक्षण फार्मा कंपनी डॉ रेड्डीज़ लैबोरेटरीज रूसी डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के समन्वय में करेगी।
आरडीआईएफ कोविड-19 के अपने संभावित टीके की 10 करोड़ खुराकों की आपूर्ति डॉ रेड्डीज़ लैब को करेगा।
कोनेर ने कहा कि भारत में तीसरे चरण का परीक्षण जनवरी में शुरू होगा और सीएमएसडीचए से मंजूरी प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने के लिए कहा जाएगा।
अंतरिम परीक्षणों का हवाला देते हुए रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस माह के प्रारंभ में दावा किया था कि स्पुतनिक-5 ने कोविड-19 के रोकथाम में 92 फीसदी प्रभावकारिता दिखायी है।
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