पश्चिम बंगाल: विश्व भारती विश्वविद्यालय परिसर में चारदीवारी निर्माण को लेकर हंगामा

By भाषा | Updated: August 17, 2020 18:04 IST2020-08-17T18:04:29+5:302020-08-17T18:04:29+5:30

सूत्रों ने बताया कि मेले वाले मैदान में चारदीवारी की जरूरत है ताकि ‘बाहर के लोग’ यहां प्रवेश न कर सकें।

West Bengal: Protests Erupt Against Boundary Wall Construction at Poush Mela Ground in Vishwa Bharti | पश्चिम बंगाल: विश्व भारती विश्वविद्यालय परिसर में चारदीवारी निर्माण को लेकर हंगामा

लोकमत फाइल फोटो

Highlightsइस मेले का आयोजन सबसे पहले रबींद्रनाथ टैगोर के पिता महर्षि देबेन्द्रनाथ टैगोर ने 1894 में किया था।नोबेल पुरस्कार विजेता द्वारा स्थापित विश्व भारती विश्वविद्यालय ने इस मेले का आयोजन 1951 से करना शुरू किया।

पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में सोमवार को विश्व भारती परिसर में हंगामा हुआ। बड़ी संख्या में यहां जुटे लोगों ने पौष मेला मैदान में चारदीवारी के निर्माण का विरोध करते हुए विश्वविद्यालय की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। सूत्रों ने बताया कि शरद ऋतु में सालाना इस मैदान मे ‘पौष मेला’ आयोजित होता है और विश्वविद्यालय प्रशासन ने यहां चारदीवारी निर्माण का निर्णय लिया था जो आज सुबह शुरू हुआ।

सूत्रों ने बताया कि करीब 4,000 लोग शांति निकेतन परिसर के पास पहुंचे और अचानक अंदर दाखिल हो गए। उन्होंने संपत्ति को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया और जेसीबी की मदद से विश्वविद्यालय के एक दरवाजे को गिराना शुरू कर दिया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि तोड़फोड़ के दौरान वहां दुबराजपुर से तृणमूल कांग्रेस विधायक नरेश बौरी मौजूद थे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस घटना पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि हंगामे के बाद चारदीवारी निर्माण का कार्य रोक दिया गया।

सूत्रों ने बताया कि मेले वाले मैदान में चारदीवारी की जरूरत है ताकि ‘बाहर के लोग’ यहां प्रवेश न कर सकें। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले में कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है। विश्व भारती के एसएफआई नेता सोमनाथ साउ ने कहा कि करीब 50 लोगों- विद्यार्थी, आश्रम के निवासी और अन्य पुराने विद्यार्थी - ने केंद्रीय विश्वविद्यालय के ‘उपासना गृह’ के सामने विश्वविद्यालय के पौष मेला मैदान में चारदीवारी बनाकर लोगों को पहुंचने से रोकने के प्रयास के खिलाफ एक घंटे तक प्रदर्शन किया।

उन्होंने कहा कि आगे के कदम पर फैसला लेने के लिए वे बैठक करेंगे। इस मुद्दे पर टिप्पणी के लिए कुलपति विद्युत चक्रवर्ती और प्रवक्ता अनिर्बान सरकार से फोन पर संपर्क का प्रयास किया गया, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिल सकी। एक शताब्दी पुराने ‘पौष मेला’ का आयोजन इस साल से बंद करने के विश्व भारती के फैसले से नाराज स्थानीय कारोबारियों की एक इकाई ने शनिवार को विश्वविद्यालय प्रशासन को यहां चारदीवारी निर्माण करने से रोका था। कारोबारी इकाई बोलपुर व्यवसायी समिति ने दावा किया कि वह पौष मेले का आयोजन करेगी। समिति का कहना है कि यह मेला शांति निकेतन की विरासत का हिस्सा है। सामान्य तौर पर दिसंबर के अंत में बंगाली पौष महीने में पौष मेले का आयोजन होता है और इसमें हथकरघा, शिल्प, कला के प्रदर्शन के साथ-साथ संगीत उत्सव का आयोजन होता है।

इस मेले का आयोजन सबसे पहले रबींद्रनाथ टैगोर के पिता महर्षि देबेन्द्रनाथ टैगोर ने 1894 में किया था। नोबेल पुरस्कार विजेता द्वारा स्थापित विश्व भारती विश्वविद्यालय ने इस मेले का आयोजन 1951 से करना शुरू किया। विश्व भारती प्रशासन ने यह कहते कि पिछले दो वर्षों से मेला आयोजित कराने का उसका अनुभव ‘बुरा रहा’ है, मेले को बंद करने का फैसला लिया। प्रशासन का कहना है कि इन दो सालों में उसे कारोबारियों से राष्ट्रीय हरित अधिकरण के दिशा-निर्देशों का पालन करवाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। 

Web Title: West Bengal: Protests Erupt Against Boundary Wall Construction at Poush Mela Ground in Vishwa Bharti

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे