कोलकाता, 14 मईः लंबे इंतजार के बाद पश्चिम बंगाल के 20 जिलों में पंचायत चुनाव के लिए आज मतदान हो रहा है। इस दौरान कई जगह पर हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं, जिसकी वजह से तनाव की स्थित बन गई है। सीपीएम ने आरोप लगाया है कि सूबे की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने 24 परगना जिले के काकद्वीप ब्लॉक में उनके दो कार्यकर्ताओं के घर में आग लगा दी, जिससे उनकी जलकर मौत हो गई। घटना मतदान के पहले की बताई जा रही है।
घटना की चुनाव आयोग से शिकायत
खबरों के अनुसार, बीती आधी रात को सीपीएम कार्यकर्ता देबु दास के घर को आग के हवाले कर दिया गया, जिसमें देबु दास और उनकी पत्नी की जलकर मौत हो गई। जिस समय आग लगी उस समय दोनों लोग अपने घर में सोए हुए थे। तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाया गया है कि इस घटना से पहले तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार अमित मंडोल और उसके समर्थकों ने देबु दास को धमकी दी थी। इस घटना के संबंध में सीपीएम ने चुनाव आयोग से भी शिकायत की है।
इधर, कूच बेहर में दो समूहों के बीच विवाद हो गया और जमकर लाठी डंडे चले। इस झगड़े में 20 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिन्हें एमजेएन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, घायलों का कहना है कि वह जिस समय वोट करने जा रहे थे उसी दौरान तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने डंडों से उन पर हमला बोल दिया।
बता दें, अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में आज हो रहा पंचायत चुनाव अंतिम बड़ा चुनाव है। मतदान सुबह सात बजे शुरू हो गया था और शाम पांच बजे समाप्त होगा। मतगणना 17 मई को की जायेगी। पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक, आज 621 जिला परिषदों , 6,157 पंचायत समितियों और 31,827 ग्राम पंचायतों में चुनाव हो रहा है। चुनाव के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये है और असम, ओडिशा, सिक्किम और आंध्र प्रदेश से लगभग 1,500 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।
नामांकन के दौरान हुई थी हिंसा
इस बार पंचायत चुनाव में राज्य निर्वाचन आयोग, राज्य सरकार, सत्तारूढ़ टीएमसी और विपक्षी बीजेपी, कांग्रेस तथा वाममोर्चा के बीच एक अभूतपूर्व कानूनी लड़ाई देखने को मिली। एक चरण में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए तीव्र प्रचार अभियान हुआ था। चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान हुई हिंसा को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), कांग्रेस और वाममोर्चा के नेताओं ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाये।
सीएम ममता ने नहीं किया चुनाव प्रचार
विपक्ष ने आरोप लगाया था कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने नामांकन प्रक्रिया के दौरान हिंसा की। तृणमूल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि विपक्ष का कोई जनाधार नहीं है और वह चुनाव से बचने का प्रयास कर रहे थे। सभी पार्टियों के शीर्ष नेताओं ने इस चुनाव में प्रचार किया। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने प्रचार नहीं किया। उन्होंने लोगों से अपनी सरकार के विकास कार्यों के समर्थन में वोट करने की अपील की।