पश्चिम बंगाल: गवर्नर आनंद बोस पंचायत चुनाव में हुई हिंसा के बाद पहुंचे दिल्ली, मिल सकते हैं अमित शाह से
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 10, 2023 07:06 AM2023-07-10T07:06:11+5:302023-07-10T07:10:34+5:30
पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस पंचायत चुनाव में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के बाद रविवार रात दिल्ली पहुंचे। राज्यपाल बोस गृहमंत्री अमित शाह से मिलकर उन्हें राज्य के ताजा हालात की जानकारी दे सकते हैं।
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस पंचायत चुनाव में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के बाद रविवार रात दिल्ली पहुंचे। खबरों के अनुसार राज्यपाल बोस राज्य में संपन्न हुए पंचायत चुनाव के दौरान हुए खूनी संघर्ष के विषय में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं और उन्हें राज्य के ताजा हालात की जानकारी दे सकते हैं।
दिल्ली पहुंचने पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देत हुए सीवी आनंद बोस ने कहा, "मैं यहां एक साधारण उद्देश्य के लिए आया था। एक छात्र के रूप में मैंने तमसो मा ज्योतिर्गमय के बारे में सुना था, किसी ने मुझे बताया था कि इसका अर्थ अंत एक गहरी गुफा से प्रकाश के बारे में है। एक विनम्र छात्र के रूप में, मैं अपने प्रोफेसरों से पूछना चाहता था कि इसका क्या मतलब है।"
पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में संपंन्न हुए मतदान के दिन हिंसा की कई घटनाएं सामने आईं। बीते रविवार को पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ने कहा कि पुलिस ने राज्य के चुनावी हिंसा में 10 लोगों की मौत की पुष्टि की है। इससे पहले, रविवार को ही राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) ने पांच जिलों के 697 बूथों पर 10 जुलाई को पुनर्मतदान की घोषणा की थी।
राज्य चुनाव आयोग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार पुरुलिया, बीरभूम, जलपाईगुड़ी, नादिया और दक्षिण 24 परगना जिलों में सोमवार को पुनर्मतदान होगा।
इससे पहले, पश्चिम बंगाल भाजपा के राज्य महासचिव जगन्नाथ चट्टोपाध्याय ने राज्य चुनाव आयोग को 8 जुलाई के दिन हुए मतदान को शून्य घोषित करने और नए सिरे से पंचायत चुनाव कराने के लिए फत्र लिखा था।
उन्होंने पत्र में लिखा था, "आपको याद होगा कि कल भाजपा के पश्चिम बंगाल प्रतिनिधिमंडल ने आपसे मुलाकात की थी और आपसे उन बूथों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा करने के लिए कहा था, जहां बूथ, लूटपाट, मतदान अधिकारियों को भाग लेते या धांधली में मदद करते हुए देखा गया था। जहां भाजपा उम्मीदवारों के एजेंट थे। उन्हें मतदान केंद्रों से हट जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था।"
मालूम हो कि 30 में से 20 जिलों में संपन्न हुए पंचायत चुनावों में व्यापक हिंसा, मतपत्रों की लूट और धांधली की खबरें सामने आयी थीं। इनमें मुर्शिदाबाद, कूच बिहार, मालदा, दक्षिण 24 परगना, उत्तरी दिनाजपुर और नादिया जैसे कई जिलों से बूथ कैप्चरिंग, मतपेटियों को नुकसान पहुंचाने और पीठासीन अधिकारियों पर हमले की खबरें भी आईं थीं।
बीते 8 जुलाई को सुबह 7 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच राज्य के पंचायत चुनाव के लिए मतदान शुरू हुआ था। अनुमानित 5.67 करोड़ मतदाताओं ने पश्चिम बंगाल के ग्रामीण इलाकों में 73,887 सीटों के लिए 2.06 लाख उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला अपने वोटों के जरिये किया। पंचायत चुनाव में वोटों की गिनती 11 जुलाई को होगी।