बंगाल सरकार 10वीं की बोर्ड परीक्षा में नकल रोकने के लिए इंटरनेट सेवाओं को बंद करेगी, जानिए पूरा मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 6, 2022 09:57 PM2022-03-06T21:57:08+5:302022-03-06T22:01:54+5:30
बंगाल शिक्षा विभाग की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि खुफिया रिपोर्टें मिली जानकारी के अनुसार इंटरनेट के इस्तेमाल कुछ क्षेत्रों में गैरकानूनी तरीके से पेपर आउट किया जा सकता है। इसलिए सुरक्षा उपायों के तहत इंटनेट पर कुछ समय के लिए बैन लगाया जाएगा।
कोलकाता: बोर्ड परीक्षा में नकल पर लगाम लगाने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार एक अभूतपूर्व कदम उठाने जा रही है। जानकारी के मुताबिक ममता बनर्जी सरकार नकलचियों को नकल से रोकने के लिए राज्य के कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवाओं पर अल्पकाल के लिए विराम लगा सकती है। सोमवार से शुरू हो रही दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में नकल के सहारके पास होने वालों की अब खैर नहीं है।
इस मामले में पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी के एक अधिकारी ने बताया कि साल 2019 और 2020 में परीक्षा शुरू होने के एक घंटे के भीतर मालदा और मुर्शिदाबाद सहित कई जिलों में कुछ परीक्षा केंद्रों पर इंटनेट के जरिये पेपर आउट किये जाने से की सूचना मिली थी। इस कारण प्रश्नपत्रों के कथित तौर पर लीक न होने के मद्देनजर यह ऐहतियाती कदम उठाये गये हैं।
मालूम हो कि साल 2021 में कोरोना संक्रमण के कारण पश्चिम बंगाल बोर्ड ने परीक्षाओं का आयोजन नहीं किया था। बंगाल शिक्षा विभाग की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि खुफिया रिपोर्टें मिली जानकारी के अनुसार इंटरनेट के इस्तेमाल कुछ क्षेत्रों में गैरकानूनी तरीके से पेपर आउट किया जा सकता है। इसलिए सुरक्षा उपायों के तहत इंटनेट पर कुछ समय के लिए बैन लगाया गया है।
हालांकि आदेश में माध्यमिक परीक्षा का विशेष रूप से उल्लेख नहीं किया गया था, लेकिन आगामी 7, 8, 9, 11, 12 मार्च को सुबह 11 बजे से दोपहर 3:15 बजे तक कुछ क्षेत्रों में इंटरनेट को बंद करने का आदेश दिया गया है।
बंगाल सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में उन क्षेत्रों का नाम नहीं बताया गया है जहां पर बोर्ड परीक्षा के दौरान इंटरनेट प्रतिबंधित रहेगा। इस मामले में एक बोर्ड अधिकारी ने कहा कि जरूरत के हिसाब से इंटरनेट रोकने वाली जगह को तय किया जाएगा। हालांकि, परीक्षा के दौरान फोन कॉल, एसएमएस सेवाएं बहाल रहेंगी।
सूत्रों के मुताबिक परीक्षा के दिनों से पहले भी इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया था, लेकिन उस सूचना को सार्वजनिक नहीं किया गया था। डब्ल्यूबीबीएसई के अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली ने बताया, "इस मामले में बोर्ड की कोई भूमिका नहीं है। यह विशुद्ध रूप से राज्य सचिवालय द्वारा लिया गया एक प्रशासनिक निर्णय है।"
हालांकि, गांगुली ने कहा कि साल 2019 और साल 2020 की माध्यमिक परीक्षाओं में कोई प्रश्नपत्र लीक नहीं हुआ था क्योंकि "लीक" पेपर असली पेपर के साथ मेल नहीं खा रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘यह किसी की बदमाशी थी, लेकिन वह परीक्षा प्रक्रिया को बाधित करने में असफल रही। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि भविष्य में ऐसी किसी भी गतिविधि की सूचना हमें दें।’’
राज्य में परीक्षाओं के दौरान छात्रों को गलत तरीकों का उपयोग करने से रोकने के लिए अन्य कदम भी उठाए गए हैं। बोर्ड द्वारा परीक्षा के संबंध में जारी ताजा दिशा-निर्देशों के अनुसार, परीक्षार्थी शुरुआत के सवा घंटे में शौचालय नहीं जा सकता है। इससे पहले परीक्षार्थियों को 45 मिनट के बाद कक्षा से बाहर जाने की अनुमति थी।
बताया जा रहा है कि कथित थौर पर ऐसे आरोप लग रहे थे कि छात्र शौचालयों में नकल के लिए विषय से संबंधित किताबें छुपा कर रखते हैं। कई परीक्षा केन्द्रों पर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। गांगुली ने बताया कि परीक्षा में नकल रोकने के लिए ये कदम उठाए गए हैं। राज्य में 10वीं की परीक्षा के लिए करीब 6,21,931 छात्राओं और 4,96,890 छात्रों ने पंजीकरण कराया है।