पश्चिम बंगाल में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो में हुई हिंसा के बाद ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और शाह पर निशाना साधा है। चुनाव आयोग द्वारा प्रचार के समय को कम करने पर ममता बनर्जी ने कहा कि ये फैसला चुनाव आयोग का नहीं है बल्कि पीएम मोदी और अमित शाह के कहने पर लिया गया है।
ममता बनर्जी ने कहा है कि मोदी और शाह ने बंगाल का अपमान किया है। बंगाल त्रिपुरा और बिहार जैसा नहीं है। अमित शाह बंगाल के बाहर से गुंडे लेकर आए थे। जिसके बाद उन्होंने रोड शो में बवाल मचाया। ममता बनर्जी ने कहा है, 'अमित शाह ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और चुनाव आयोग को धमकाया था। इसी के बाद चुनाव आयोग ने प्रचार को एक दिन पहले ही रोका है। लेकिन मैं बता दूं बंगाल डरता नहीं है। बंगाल इसलिए निशाने पर क्योंकि मैं मोदी के खिलाफ बोलती हूं।'
ममता बनर्जी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि माफी तो दूर की बात है ईश्नरचंद्र विद्यासागर की मूर्ति तोड़ने की पीएम मोदी ने निंदा भी नहीं की है।
ममता बनर्जी ने बंगाल में हुई हिंसा के लिए अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया है। ममता ने कहा बंगाल के लोग बीजेपी को माफ नहीं करेंगे। ममता बनर्जी ने कहा है कि 19 मई को पश्चिम बंगाल की 9 लोकसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में बंगाल की जनता मोदी को एक भी वोट नहीं देगी।
ममता बनर्जी ने बंगाल की जनता से अपील की है कि बीजेपी को एक भी वोट ना दीजिए। ममता बनर्जी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग, सीबीआई को भी हमारी नहीं सुन रहा है। सब मोदी सरकार के अंदर काम कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार पर चुनाव आयोग का बैन
पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान बढ़ती हिंसा को देखते हुए चुनाव आयोग बड़ा फैसला लिया है। चुनाव आयोग ने फैसला लिया है कि पश्चिम बंगाल में एक दिन पहले ही चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा। चुनाव आयोग ने कहा कि कल (गुरुवार 16 मई) रात 10 बजे के बाद पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार नहीं होगा। यानी पश्चिम बंगाल में 17 मई की शाम को चुनाव प्रचार खत्म होने वाल था लेकिन अब 16 मई की रात 10 बजे के बाद चुनाव प्रचार नहीं होगा। राज्य में हो रही हिंसा के मद्देनजर चुनाव आयोग ने आर्टिकल 324 का इस्तेमाल करते हुए ये फैसला सुनाया है।
बता दें कि बीते दिन 14 मई को बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान हिंसा हुई थी। जिसमें टीएमसी और बीजेपी कार्यकर्ताओं में झड़प हुई थी। स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज का भी सहारा लेना पड़ा था।