नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरों (सीबीआई) ने बुधवार (पांच जून) को पूछताछ के लिए पश्चिम बंगाल में बर्दवान के पूर्व पुलिस निरीक्षक एचएमएस मिर्जा को समन भेजा है। बता दें, नारद टेप में तृणमूल कांग्रेस के कई नेता और मंत्रियों को एक स्टिंग ऑपरेशन में कथित कारोबारी को लाभ पहुंचाने के बदले में उससे रुपये लेते दिखाय गया है।
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने एक जून को कोलकाता के पूर्व महापौर सोवन चटर्जी की पत्नी रत्ना चटर्जी और राज्य के उपभोक्ता मंत्री सदन पांडे की बेटी श्रेया पांडे समेत चार लोगों को समन भेजा था।
इससे पहले सीबीआई ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में कहा था कि अगर जरूरी प्रक्रियाएं पूरी हो गई तो नारद स्टिंग टेप मामले में आरोपपत्र एक महीने में दायर होने की संभावना है। अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल कौशिक चंदा ने न्यायमूर्ति जॉयमाल्यो बागची से कहा था कि एजेंसी इस मामले का करीबी से अध्ययन कर रही है और चूंकि मामला सांसदों और विधायकों जैसे जनप्रतिनिधियों से जुड़ा है इसलिये अधिकारियेां से मंजूरी मिल जाती है तो एक महीने में आरोपपत्र दायर किया जाएगा। चंदा ने तृणमूल कांग्रेस सांसद अपरूपा पोद्दार की याचिका पर सुनवाई के दौरान ये बातें कही थीं।
तृणमूल कांग्रेस सांसद ने अपनी याचिका में नारद स्टिंग टेप के संबंध में उनके खिलाफ दर्ज मामले को खारिज करने का अनुरोध किया था। दावा है कि स्टिंग टेपों में तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को कथित रूप से रिश्वत लेते हुए देखा गया। न्यायमूर्ति बागची ने प्राथमिकी रद्द करने की मांग वाली पोद्दार की याचिका को 12 हफ्ते के बाद विचार के लिए रख दिया।
सीबीआई ने इस संबंध में सांसदों और पश्चिम बंगाल के मंत्रियों सहित तृणमूल कांग्रेस के 12 शीर्ष नेताओं तथा एक आईपीएस अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। (समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)