जोकाः पश्चिम बंगाल में 2021 में विधानसभा चुनाव है। भाजपा लगातार सीएम ममता बनर्जी पर हमला कर रही है। भाजपा और टीएमसी में राजनीति जंग तेज हो गई है।
इस बीच वेस्ट बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने ममता बनर्जी पर हमला बोल दिया। घोष ने कहा कि सीएम ममता दीदी को जय श्रीराम बोलने में दिक्कत होता है। इस सभा में उन्होंने आपत्तिजनक शब्द को प्रयोग कर दिया। ममता जी के खून में ऐसा क्या है कि वह जय श्रीराम नहीं बोल सकती हैं।
पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी कि वे अपने तरीके ठीक करें वरना सड़कों पर उनकी 'चमड़ी उधेड़' दी जाएगी। राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी ने इस बयान को ‘घटिया’ करार दिया और कहा कि मीडिया और राजनेताओं द्वारा उनका बहिष्कार किया जाना चाहिए।
दक्षिण 24 परगना जिले की सीमा से सटे शहर के दक्षिण-पश्चिम किनारे पर एक ‘‘चा चक्र’’ (चाय पर चर्चा) को संबोधित करते हुए घोष ने टीएमसी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश में तब्दील करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे 'जय बांग्ला' जैसे नारे लगाते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘टीएमसी नेताओं को जय श्री राम के नारा से समस्या है। यह टीएमसी द्वारा पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश में तब्दील करने की साजिश है। टीएमसी ने इस इरादे से सीएए का विरोध किया है ताकि धार्मिक अल्पसंख्यकों को सताया जा सके...शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता नहीं मिल सकती।”
पश्चिम बंगाल के विकास में बाहरियों ने बंगालियों से बड़ी भूमिका निभाई : दिलीप घोष
पश्चिम बंगाल में ‘‘बाहरी बनाम भीतरी’’ की बहस के बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने बुधवार को दावा किया कि राज्य के विकास में दूसरे राज्यों के लोगों ने बंगालियों से बड़ी भूमिका निभाई है। उनकी टिप्पणी पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और कहा है कि घोष राज्य के इतिहास और संस्कृति के बारे में जाने बिना ‘‘बांटने वाली’’ राजनीति कर रहे हैं। घोष ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘स्वतंत्रता पूर्व के काल से, जो लोग दूसरे राज्यों से आए थे, उन्होंने बंगाल के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनमें से अधिकतर, मिलों और कारखानों में काम करने वाले लोग अन्य राज्यों से थे। इस तरह बाहर से आए लोगों ने राज्य के विकास में बंगालियों से बड़ी भूमिका निभाई।’’ भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि बंगाल के कल्याण के लिए काम करने वाले लोगों को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस अब ‘‘बाहरी’’ करार दे रही है।
उन्होंने व्यंग्य किया, ‘‘शाहरुख खान (राज्य के एंबैसडर) और प्रशांत किशोर (तृणमूल कांग्रेस के चुनाव रणनीतिकार) अब भीतरी हो गए हैं।’’ घोष की टिप्पणी पर तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ‘‘बंगालियों को अपमानित करने और उन्हें कमतर आंकने’’ के भाजपा के इरादे का अब खुलासा हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि दिलीप घोष राष्ट्र के संपूर्ण विकास और स्वतंत्रता संग्राम में बंगालियों द्वारा निभाई गई भूमिका के बारे में नहीं जानते।’’