पश्चिम बंगाल: हिंसा के खिलाफ अब इस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के 27 डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: June 14, 2019 02:05 PM2019-06-14T14:05:54+5:302019-06-14T14:46:38+5:30
पश्चिम बंगाल में हिंसा के खिलाफ इस्तीफा देने वाले डॉक्टरों की संख्या में इजाफा हुआ है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक दार्जीलिंग स्थित नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के कुल 27 डॉक्टरों ने हिंसा के खिलाफ इस्तीफा दिया है।
पश्चिम बंगाल में हिंसा के खिलाफ इस्तीफा देने वाले डॉक्टरों की संख्या में इजाफा हुआ है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक दार्जीलिंग स्थित नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के कुल 27 डॉक्टरों ने हिंसा के खिलाफ इस्तीफा दिया है।
बता दें कि एनआरएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक मरीज की मौत के बाद जूनियर डॉक्टरों के दो सहयोगियों पर कथित रूप से हमला किया गया था। मृतक के परिजनों पर हमला करने का आरोप है। हमले में जूनियर डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसके बाद से डॉक्टरों के अंदोलन ने जोर पकड़ लिया। इसी के तहत बंगाल में चौथे दिन भी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी होने की खबरें आ रही हैं। हड़ताल के चलते मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
West Bengal: Total 27 doctors of North Bengal Medical College & Hospital, Darjeeling, have resigned over violence against doctors in the state. https://t.co/gegWvNbkAu
— ANI (@ANI) June 14, 2019
जूनियर डॉक्टरों के साथ सीनियर डॉक्टर भी हड़ताल में शामिल हैं। यही नहीं, देशभर में कई जगहों से डॉक्टर पश्चिम बंगाल के आंदोलनरत डॉक्टरों का समर्थन कर रहे हैं।
सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों से हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने की अपील की थी लेकिन फिलहाल उनकी बात पर अमल होता नहीं दिख रहा है।
इससे पहले कोलकाता के आरजी कार मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के 16 डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया था। उनका कहना है कि मौजूदा हालात में सेवाएं नहीं दे सकते हैं।
West Bengal: 16 doctors of the RG Kar Medical College & Hospital, Kolkata submit their resignation stating, "In response to prevailing situation as we are unable to provide service, we would like to resign from our duty," pic.twitter.com/a3eVzs6ZLG
— ANI (@ANI) June 14, 2019
बता दें कि डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर सीएम ममता बनर्जी ने डॉक्टरों को काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया था और कहा था, 'मैं हड़ताल पर गए डॉक्टरों की निंदा करती हूं. पुलिसवाले ड्यूटी करते हुए शहीद हो जाते हैं लेकिन पुलिस हड़ताल पर नहीं जाती।'
ममता ने कई हिस्सों में चिकित्सा सेवाएं बाधित होने के मद्देनजर गुरुवार को राजकीय एसएसकेएम अस्पताल का दौरा किया था और डॉक्टरों को चेतावनी दी थी कि अगर वे काम पर नहीं आएंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि आंदोलनकारी एसएसकेएम अस्पताल के डॉक्टरों के बीच मौजूद ‘बाहरी लोगों’ ने उन्हें ‘गाली’ दी।
इस पर जूनियर डॉक्टरों के संयुक्त फोरम के प्रवक्ता डॉक्टर अरिंदम दत्ता ने मीडिया से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने जिस तरीके से जूनियर डॉक्टरों को धमकी दी है वह अप्रत्याशित है... यह हमारे समुदाय का अपमान है। हम इसकी भी निंदा करते हैं... उन्होंने कल जो कहा इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।’’ उन्होंने बताया, ‘‘हम बाहरी नहीं हैं और यह आंदोलन स्वत: स्फूर्त है... हम सामूहिक त्यागपत्र पर विचार कर रहे हैं।’’
राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने गुरुवार को जूनियर डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की थी। डॉक्टरों की एक टीम ने गुरुवार राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की थी और एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में दम तोड़ने वाले एक मरीज के परिजनों द्वारा कथित तौर पर डॉक्टरों पर किए गए हमले के बारे में उन्हें अवगत कराया था।
(पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ)