पश्चिम बंगाल शिक्षक घोटाला: 21 करोड़ के बाद और 15 करोड़ नकदी बरामद, मंत्री चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता के एक और फ्लैट से मिली भारी मात्रा में नकदी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 27, 2022 10:04 PM2022-07-27T22:04:23+5:302022-07-27T22:05:21+5:30
पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अर्पिता मुखर्जी के एक और फ्लैट से बुधवार को भारी मात्रा में नकदी मिली। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
कोलकाताः पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के बेलघरिया टाउन क्लब स्थित आवास से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई है। अब तक 15 करोड़ रुपये गिने गए हैं और पैसों की वसूली की उम्मीद है। 21 करोड़ रुपये की नकदी मिलने के एक दिन बाद 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था।
मुखर्जी को राज्य के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी का करीबी माना जाता है, जिन्हें एजेंसी ने इसी मामले में गिरफ्तार किया है। ईडी ने मुखर्जी को उनके दक्षिण कोलकाता स्थित फ्लैट से 21 करोड़ रुपये की नकदी मिलने के एक दिन बाद 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था। अधिकारी ने बताया कि इस बार उत्तर कोलकाता के बेलघरिया स्थित फ्लैट से नकदी मिली है जिसकी मालकिन मुखर्जी हैं।
West Bengal | Hugh amount of cash, amounting to at least Rs 15 Crores, recovered from the residence of Arpita Mukherjee at Belgharia Town Club.
— ANI (@ANI) July 27, 2022
She is a close aide of West Bengal Minister Partha Chatterjee.pic.twitter.com/oL6968DSOK
अधिकारी ने कहा कि बेलघरिया के रथाला इलाके में अर्पिता के दो फ्लैट को ताला तोड़कर खोला गया क्योंकि उनकी चाबी नहीं मिली। अधिकारी से जब संपर्क किया तो उन्होंने बताया, ‘‘हमें हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में दो में से एक फ्लैट में बड़ी मात्रा में नकदी मिली है। हमने रुपयों की गिनती के लिए तीन मशीनें मंगवाई हैं, ताकि पता चले कि वास्तव में कितनी राशि है।’’
उन्होंने बताया कि फ्लैटों की तलाशी के दौरान कई ‘‘अहम’’ दस्तावेज बरामद हुए हैं। मुखर्जी ने पूछताछ के दौरान ईडी को कोलकाता के आसपास की अपनी संपत्ति की जानकारी दी थी। अधिकारी ने बताया कि बुधवार सुबह से ही इन संपत्तियों पर छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है। मंत्री और मुखर्जी से पूछताछ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुखर्जी जांच में सहयोग कर रही हैं, लेकिन मंत्री का ‘‘रवैया असहयोगात्मक’’ है।
गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई)पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की अनुशंसा पर सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में समूह ‘ग’ और ‘घ’ वर्ग के कर्मचारियों और शिक्षकों की भर्ती में हुई कथित अनियमितता की जांच कर रही है। वहीं, ईडी घोटाले में धनशोधन के कोण से जांच कर रहा है। उल्लेखनीय है कि जब यह कथित घोटाला हुआ था, उस समय पार्थ चटर्जी राज्य के शिक्षामंत्री थे।