शशि थरूर ने विपक्ष को दी नसीहत, बोले- व्यवधान डालने की बजाय हमें बहस के लिए करना चाहिए संसद का उपयोग
By रुस्तम राणा | Published: December 23, 2021 08:32 AM2021-12-23T08:32:00+5:302021-12-23T08:34:48+5:30
कांग्रेस नेता ने अपनी बुक ''प्राइड, प्रेजुडिस एंड पंडित्री'' पर चर्चा के दौरान कहा कि उनकी पार्टी उनके इस विचार से वाकिफ है कि ''हमें व्यवधान पैदा नहीं करना चाहिए बल्कि संसद का उपयोग बहस के मंच के तौर पर करना चाहिए।
नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस और विपक्ष की अन्य पार्टियों के रवैये को देखते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने सदन की कार्यवाही में व्यवधान नहीं डालने की वकालत की। कांग्रेस नेता ने कहा कि कुछ हद तक विपक्ष ''खुद के हाशिये पर जाने के लिए स्वयं जिम्मेदार है।'' हालांकि, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कई बार मुद्दे उठाने की अनुमति नहीं मिलने से निराशा का सामना करना पड़ता है।
कांग्रेस नेता ने अपनी बुक ''प्राइड, प्रेजुडिस एंड पंडित्री'' पर चर्चा के दौरान कहा कि उनकी पार्टी उनके इस विचार से वाकिफ है कि ''हमें व्यवधान पैदा नहीं करना चाहिए बल्कि संसद का उपयोग बहस के मंच के तौर पर करना चाहिए।''राहुल गांधी की ओर निशाना साधते हुए यहां एक कार्यक्रम के दौरान थरूर से पूछा गया कि क्या पार्टी का एक चुना हुआ नेता होना चाहिए और ऐसा नहीं जोकि परिवार के चलते पद पर हो।
इस पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, '' साफ तौर पर कहूं तो जो लोग परिवार के कारण हैं, वे चुने भी जा सकते हैं। यद्यपि, इस बात को लेकर बेहद कम संशय है कि अगर राहुल गांधी चुनाव लड़ने के इच्छुक हों तो वे कांग्रेस में किसी भी अन्य के मुकाबले चुने जाएंगे क्योंकि पार्टी के मतदाताओं में दशकों से गांधी-नेहरू परिवार के प्रति निष्ठा की भावना है, जिसे आसानी से दूर नहीं किया जा सकता है।''
बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार को ही समाप्त हो गया। संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर को शुरू हुआ जो कि 23 दिसंबर तक चलना था लेकिन एक दिन पहले ही दोनों सदनों की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। इस सत्र में विपक्ष ने कृषि कानून, किसान आंदोलन में मारे गए किसान, केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे और सांसदों के खिलाफ हुई कार्रवाई को लेकर सदन में हंगामा किया।