JDU को उपचुनाव में उम्मीद के मुताबिक नहीं मिला रिजल्ट, कहा- हम इसी तरह की हार के बाद दोबारा मजबूत होकर लौटे थे
By भाषा | Published: October 25, 2019 06:10 AM2019-10-25T06:10:02+5:302019-10-25T06:10:02+5:30
जद (यू) ने हैदराबाद की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को किशनगंज में मिली जीत को रेखांकित करते हुए कहा कि अब राष्ट्रीय जनता दल (राजद)- कांग्रेस गठबंधन को अकेले राज्य के मुसलमानों का समर्थन हासिल नहीं है।
बिहार में विधानसभा की पांच सीटों के लिए हुए उपचुनाव के नतीजे उम्मीदों के अनुरूप नहीं होने के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जोर दिया है कि जद (यू) ने पहले भी इसी तरह के झटकों के बाद मजबूती के साथ वापसी की है। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को पांच सीटों के आए नतीजों के मुताबिक जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को चार सीटों पर हार मिली और वह एकमात्र सीट पर जीत दर्ज करने में कामयाब हुई। इनमें से पहले चार सीटें जद(यू) के पास थीं।
पार्टी ने विपक्षी महागठबंधन को अधिक मंसूबे नहीं पालने को कहा। जद (यू) ने हैदराबाद की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को किशनगंज में मिली जीत को रेखांकित करते हुए कहा कि अब राष्ट्रीय जनता दल (राजद)- कांग्रेस गठबंधन को अकेले राज्य के मुसलमानों का समर्थन हासिल नहीं है।
जद(यू) के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि जनादेश सर्वोच्च है और उसके आगे नतमस्तक हैं लेकिन हम याद दिलाना चाहते हैं कि 2009 में हुए विधानसभा उपचुनाव में भी हमें ऐसी ही हार मिली थी और उसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में हम पहले से कहीं मजबूत होकर लौटे।
उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि हम उपचुनाव के नतीजों पर लीपापोती कर रहे हैं। हम पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा करेंगे और सरकार की उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाने में कमियों की पहचान करेंगे।
रंजन ने कहा, जहां तक विरोधी खेमे की बात है तो उन्हें इतनी जल्दी जश्न नहीं मनाना चाहिए। मुस्लिम बहुल किशनगंज में आश्चर्यजनक रूप से एमआईएमआईएम ने कांग्रेस के प्रत्याशी को हराया जिसका समर्थन राजद कर रही थी। इससे साफ हो गया है कि दोनों दल को अल्पसंख्यक समुदाय का समर्थन नहीं है।
विपक्ष की ओर से पार्टी के खराब प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार का इस्तीफा मांगे जाने पर उन्होंने पलटवार करते हुए सवाल किया कि क्यों नहीं राजद नेता तेजस्वी यादव विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दे देते?