"हम बलात्कारियों का स्वागत नहीं करते हैं, हमारी हिंदुत्व की विचारधारा स्पष्ट है", उद्धव ठाकरे के 'नरम हिंदुत्व' पर बोले आदित्य ठाकरे
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 5, 2023 02:04 PM2023-10-05T14:04:53+5:302023-10-05T14:28:00+5:30
आदित्य ठाकरे ने शिवसेना (उद्धव गुट) के हिंदुत्व की सोच को साफ करते हुए कहा कि हमारा हिंदुत्व बलात्कारियों का स्वागत नहीं करता, चाहे वह बिलकिस बानो के हों या फिर किसी और के हों।

फाइल फोटो
मुंबई: साल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में शामिल होकर मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी को चुनौती दे रही शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता आदित्य ठाकरे ने भाजपा पर बेहद तीखा हमला करते हुए उसके हिंदुत्व की विचारधारा को लेकर सवाल खड़े किये हैं।
समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने उन आरोपों को खारिज किया है, जिसमें यह कहा जाता है कि शिवसेना के उद्धव गुट ने विपक्षी गठबंधन में शामिल होने के लिए हिंदुत्व की अपनी विचारधारा से समझौता कर लिया है। आदित्य ठाकरे ने कहा कि शिवसेना उद्धव गुट विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में शामिल होने के बावजूद अपने हिंदुत्व की विचारधारा को लेकर बेहद मजबूत और स्पष्ट है।
ठाकरे ने मुंबई में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में कहा, "हमारा हिंदुत्व बहुत स्पष्ट है, हम बलात्कारियों का स्वागत नहीं करते हैं। चाहे वह बिलकिस बानो के हों या फिर किसी और के हों।"
दरअसल ठाकरे ने यह बात बिलकिस बानो गैंगरेप में पिछले साल गुजरात सरकार की छूट नीति के तहत जेल से रिहा किये गये 11 दोषियों का जिक्र करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद कार्यालय में रेपकांड के दोषियों को माला पहनाई गई और उनका स्वागत किया गया।
इस मामले में सबसे दिलचस्प बात यह है कि आदित्य ठाकरे ने हिंदुत्व की विचारधारा को लेकर भाजपा को उस समय कटघरे में खड़ा किया है, जब यह कहा जा रहा है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना हिंदुत्व के मामले में बालासाहेब ठाकरे वाली शिवसेना की तुलना में अधिक उदारवादी हो गई है।
हिंदुत्व के प्रति उद्धव गुट के इस नरमी का कारण पूछे जाने पर आदित्य ठाकरे ने कहा कहा कि उनके पिता उद्धव ठाकरे के पास कल भी और आज भी पार्टी के मूल मूल्यों के प्रति सच्चे रहते हुए असली शिवसेना का ब्रांड है।
उन्होंने कहा, “हमारे हिंदुत्व का मतलब है कि 'प्राण जाए पर वचन न जाए'। हम ही वो लोग थे, जिन्होंने राम मंदिर का मुद्दा तब उठाया था जब केंद्र सरकार उसे भूल गई थी।''
इसके साथ ही आदित्य ठाकरे ने कहा कि राजनीतिक दलों को प्रतिशोधी व्यवहार और शत्रुता से आगे बढ़ने की जरूरत है। 'इंडिया' गठबंधन के सदस्यों के बीच भी भारी राजनीतिक मतभेद थे फिर भी हर कोई एक साथ आने को तैयार था।
ठाकरे ने कहा, "हम प्रधानमंत्री या किसी एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं हैं। हम भाजपा की विचारधारा के खिलाफ हैं। विविधता में एकता का विचार हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हम तानाशाही के विचार के खिलाफ हैं। अपने देश को इससे बचाने के लिए ही हम सभी एक साथ आ रहे हैं।"