अर्थव्यवस्था पर नजरः जानिए किन क्षेत्र में भारतीय इकोनॉमी का हाल बुरा है...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 23, 2019 07:59 PM2019-08-23T19:59:53+5:302019-08-23T20:01:22+5:30
अब तो मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कैलेंडर वर्ष 2019 के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.2 प्रतिशत कर दिया है।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर सबकी नजर है। दुनिया में कई देश में अर्थव्यवस्था का बुरा हाल है। विपक्ष से लेकर बड़े-बड़े अर्थशास्त्री भी चिंता में है। अब तो मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कैलेंडर वर्ष 2019 के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.2 प्रतिशत कर दिया है।
पहले इसे 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। कैलेंडर वर्ष 2020 के लिए भी वृद्धि दर के अनुमान को 0.6 प्रतिशत घटाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है। पहले इसके 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया था।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार के बयान पर बवाल
‘आर्थिक क्षेत्र में दबाव के अप्रत्याशित’ होने से जुड़ी नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार के बयान को लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को दावा किया कि यह ‘‘अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति’’ का कबूलनामा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उनकी सरकार के पास इसका कोई जवाब नहीं है कि इस स्थिति से कैसे निपटा जाएगा।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने आरोप लगाया कि सरकार अर्थव्यवस्था की इस स्थिति से ध्यान भटकाने के लिए राजनीतिक बदले की कार्रवाई कर रही है। तिवारी ने कहा, ‘‘ नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार को बधाई देनी चाहिए कि उन्होंने स्वीकार किया है कि अर्थव्यवस्था में ऐसी परिस्थिति 70 साल में कभी उत्पन्न नहीं है जो आज है।’’
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ‘‘संभव है कि भाजपा सरकार इसके लिए भी पंडित जवाहरलाल नेहरू को दोषी ठहराएगी । लेकिन हकीकत यह है कि सरकार ने यह स्थिति खुद ही पैदा की है क्योंकि नोटबंदी और जल्दबाजी में लागू गई जीएसटी के कारण यह स्थिति बनी है।’’
जानिए किन क्षेत्र में अधिक खतरा है
करीब तीन करोड़ लोगों के बेरोजगार होने का खतरा है, वो किसी भी समय सड़क पर आ सकते हैं।
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ऑटो क्षेत्र बेहाव है, रोज लोगों के निकाला जा रहा है
आकड़ों के अनुसार करीब तीन लाख से अधिक लोग बेरोजगार हो गए हैं।
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