Kolkata doctor rape-murder case: कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और फिर उसकी हत्या की घटना के विरोध में मंगलवार को जोरदार प्रदर्शन हुआ। कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले में न्याय की मांग कर रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर ममता पुलिस ने लाठीचार्ज किया गया। प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच झड़प हुई है। पश्चिम बंगाल में सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं क्योंकि इस घटना के विरोध में जूनियर डॉक्टरों का कार्यबहिष्कार आंदोलन मंगलवार को 12 वें दिन भी जारी रहा।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अगर महिलाएं काम पर नहीं जा पा रही हैं
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि उसने स्वत: संज्ञान लिया है क्योंकि यह मामला देशभर में चिकित्सकों की सुरक्षा से जुड़े व्यवस्थागत मुद्दे को उठाता है। न्यायालय ने कहा कि वह मीडिया में मृतका का नाम प्रकाशित होने से बहुत चिंतित है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अगर महिलाएं काम पर नहीं जा पा रही हैं और काम करने की स्थितियां सुरक्षित नहीं हैं तो हम उन्हें समानता से वंचित कर रहे हैं।
ज्यादातर युवा चिकित्सक 36 घंटे काम करते हैं, हमें काम करने की सुरक्षित स्थितियां सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय प्रोटोकॉल बनाने की जरूरत है। ऐसा लगता है कि अपराध का पता सुबह-सुबह ही चल गया था लेकिन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने इसे आत्महत्या बताने की कोशिश की। कोलकाता पुलिस को फटकार लगाते हुए पूछा कि हजारों लोगों की भीड़ आरजी कर मेडिकल कॉलेज में कैसे घुसी।
पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगायी
जब आरजी कर मेडिकल कालेज एवं अस्पताल के प्राचार्य का आचरण जांच के घेरे में है तो उन्हें कैसे तुरंत किसी दूसरे कॉलेज में नियुक्त कर दिया गया। न्यायालय ने दुष्कर्म-हत्या मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में देरी को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगायी और पूछा कि अस्पताल के प्राधिकारी क्या कर रहे थे।
आरजी कर अस्पताल पर हमला करने वाले उपद्रवियों को गिरफ्तार किया जाए
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को प्रदर्शनकारियों पर बल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। चिकित्सकों के लिए सुरक्षा, सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय प्रोटोकॉल बनाने के वास्ते 10 सदस्यीय कार्य बल गठित किया। पश्चिम बंगाल सरकार यह सुनिश्चित करे कि आरजी कर अस्पताल पर हमला करने वाले उपद्रवियों को गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए।
प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की
कलकत्ता उच्च न्यायालय के पिछले सप्ताह के निर्देश के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इस घटना की जांच अपने हाथों में ले ली है। इस अपराध में कथित संलिप्तता को लेकर एक स्वयंसेवी को गिरफ्तार किया गया है। साल्टलेक में स्थित पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय ‘स्वास्थ्य भवन’ की ओर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के मार्च के दौरान उसके कार्यकर्ताओं एवं पुलिस के बीच झड़प हुई। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की, जो राज्य की स्वास्थ्य मंत्री और गृह मंत्री भी हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने स्वास्थ्य भवन की ओर जाने वाली सड़कों पर अवरोधक लगा दिए थे, जिन्हें अभाविप कार्यकर्ताओं ने हटाने की कोशिश की। अभाविप की एक महिला सदस्य ने कहा, ‘‘ हम सिर्फ मुख्यमंत्री का इस्तीफा चाहते हैं। अस्पताल में जो घटना हुई वह कल्पना से परे है।’’ यहां नौ अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर की कथित रूप से बलात्कार के बाद हत्या कर दी गयी थी।