कुरान की 26 आयतों को हटाने की मांग करने वाले वसीम रिजवी ने कहा- दफनाएं नहीं, हिंदू धर्म के अनुसार जलाकर करें मेरा अंतिम संस्कार
By विनीत कुमार | Published: November 15, 2021 12:12 PM2021-11-15T12:12:52+5:302021-11-15T12:26:49+5:30
उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा है कि वे चाहते हैं कि उनका अंतिम संस्कार हिंदू धर्म के अनुसार किया जाए। एक वीडियो जारी कर उन्होंने इसकी घोषणा की है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा है कि मरने के बाद उनका अंतिम संस्कार हिंदू धर्म के अनुसार किया जाए। एक वीडियो मैसेज में उन्होंने कहा कि उन्हें दफनाने की बजाए हिंदू धर्म के मुताबिक शमशान घाट पर जलाया जाए।
रिजवी ने रविवार को जारी वीडियो में कहा कि मृत्यु के बाद उनका शव उनके हिंदू दोस्त और डासन मंदिर के महंत नरसिम्हा नंद सरस्वती को सौंपा जाए और वे अग्नि दें।
बता दें कि रिजवी कुरान की 26 आयतों को चुनौती देने की वजह से काफी चर्चा में रहे थे। इस संबंध में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में भी पीआईएल दायर की थी और इन आयतों को कुरान से हटाने की मांग की थी। रिजवी के अनुसार ये आयतें आतंकवाद को बढ़ावा देती हैं।
रिजवी की याचिका को लेकर तब हंगामा खड़ा हो गया था और कई मुस्लिम संगठनों एवं मौलवियों ने वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ प्रदर्शन किया था। कोर्ट में याचिका दायर कर कथित तौर पर मुस्लिमों की धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए रिजवी के खिलाफ बरेली में मार्च में प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी।
रिजवी ने अपने वीडियो में क्या कहा है?
वसीम रिजवी ने जारी वीडियो में कहा, 'हिंदुस्तान और हिंदुस्तान के बाहर उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है। मेरी गर्दन काटने की साजिश रची जा रही है, इनाम रखे जा रहे हैं क्योंकि मेरा गुनाह इतना है कि मैंने 26 आयतों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जो इंसानियत के प्रति नफरत फैलाती हैं।"
रिजवी ने आगे कहा कि जब मुसलमान उन्हें मार देना चाहते हैं और ये भी ऐलान किया है कि वो किसी कब्रिस्तान में मुझे जगह नहीं देंगे। तो इसलिए कि मेरे मरने के बाद शांति बनी रहे, मैंने एक वसीहत नामा लिखा है और प्रशासन को भेज दिया है।'
रिजवी ने कहा, 'मेरा जो शरीर है वो मेरे हिंदू दोस्त को दे दिया जाए और चिता बनाकर मेरा अंतिम संस्कार कर दिया जाए और चिता में अग्नि नरसिंहानंद जी देंगे।'
बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने पवित्र कुरान की 26 आयतों को हटाने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया था और उन पर 50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया था।