Waqf (Amendment) Bill: वक्फ बिल पर पार्टी के रुख को लेकर जेडीयू नेता ने पार्टी से इस्तीफा दिया, कहा 'मैं निराश हूं'
By रुस्तम राणा | Updated: April 3, 2025 19:54 IST2025-04-03T19:48:09+5:302025-04-03T19:54:02+5:30
जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे पत्र में अंसारी ने वक्फ संशोधन विधेयक को पार्टी के समर्थन पर गहरी निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि लाखों भारतीय मुसलमानों ने जेडी(यू) पर धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को बनाए रखने के लिए भरोसा किया था, लेकिन अब यह भरोसा टूट चुका है।

Waqf (Amendment) Bill: वक्फ बिल पर पार्टी के रुख को लेकर जेडीयू नेता ने पार्टी से इस्तीफा दिया, कहा 'मैं निराश हूं'
नई दिल्ली: जेडी(यू) के वरिष्ठ नेता मोहम्मद कासिम अंसारी ने वक्फ संशोधन विधेयक पर पार्टी के रुख को लेकर पार्टी और अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। वक्फ विधेयक को देर रात लोकसभा में पारित कर दिया गया, जिसमें एनडीए की सहयोगी जेडी(यू) ने व्यापक विरोध के बावजूद इसका समर्थन किया।
जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे पत्र में अंसारी ने वक्फ संशोधन विधेयक को पार्टी के समर्थन पर गहरी निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि लाखों भारतीय मुसलमानों ने जेडी(यू) पर धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को बनाए रखने के लिए भरोसा किया था, लेकिन अब यह भरोसा टूट चुका है।
अंसारी अंसारी ने जेडी(यू) नेता ललन सिंह के लोकसभा में दिए गए भाषण की आलोचना करते हुए बिल को मुस्लिम विरोधी और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन बताया।
उन्होंने इसे पसमांदा मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भेदभावपूर्ण भी बताया। कुमार को लिखे अपने पत्र में उन्होंने कहा, "हमारे जैसे लाखों भारतीय मुसलमानों को आप पर एक सच्चे धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के ध्वजवाहक के रूप में अटूट विश्वास था। हालांकि, अब यह विश्वास टूट गया है। वक्फ बिल संशोधन अधिनियम 2024 पर जेडी(यू) द्वारा अपनाए गए रुख ने लाखों समर्पित भारतीय मुसलमानों और कार्यकर्ताओं को गहरा सदमा दिया है। जिस तरह से ललन सिंह ने अपना भाषण दिया और लोकसभा में इस बिल का समर्थन किया, उससे हम बेहद निराश हैं।"
पार्टी के लिए अपनी वर्षों की सेवा पर खेद जताते हुए उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और अन्य सभी जिम्मेदारियों से इस्तीफा देने की घोषणा की।
उन्होंने कहा, "वक्फ विधेयक भारतीय मुसलमानों के खिलाफ है और हम इसे किसी भी हालत में स्वीकार नहीं कर सकते। यह विधेयक संविधान में निहित कई मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। यह भारतीय मुसलमानों को अपमानित करता है और पसमांदा समुदाय के साथ भेदभाव भी करता है। न तो आप और न ही आपकी पार्टी को इसका एहसास है। मुझे अपने जीवन के कई साल पार्टी को समर्पित करने का अफसोस है। इसलिए मैं स्वेच्छा से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और अन्य सभी जिम्मेदारियों से इस्तीफा दे रहा हूं।"
वक्फ संशोधन विधेयक पर पार्टी के रुख को लेकर JD(U) के वरिष्ठ नेता मोहम्मद कासिम अंसारी ने पार्टी और अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। pic.twitter.com/o8IhFzAWpi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 3, 2025
लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पारित हुआ
लोकसभा ने गुरुवार को करीब 12 घंटे की बहस के बाद विधेयक को पारित कर दिया। विपक्षी सदस्यों द्वारा पेश किए गए सभी संशोधनों को ध्वनिमत से खारिज किए जाने के बाद विधेयक पारित हो गया। मत विभाजन के बाद इसे पारित किया गया - 288 पक्ष में और 232 विपक्ष में।
यह विधेयक 1995 के अधिनियम में संशोधन करने और भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन में सुधार करने का प्रयास करता है। इसका उद्देश्य पिछले अधिनियम की कमियों को दूर करना और वक्फ बोर्डों की दक्षता बढ़ाना, पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार करना और वक्फ रिकॉर्ड के प्रबंधन में प्रौद्योगिकी की भूमिका बढ़ाना है।