लखनऊ, 19 अप्रैल उत्तर प्रदेश में तीन चरणों में हो रहे पंचायत चुनाव के दूसरे चरण के लिए मतदान सोमवार सुबह सात बजे से शुरू हो गया, जो शाम छह बजे तक चलेगा।
राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक, दूसरे चरण में राज्य के 20 जिलों में 2.23 लाख से अधिक पदों के लिए 3.48 लाख से अधिक उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा। राज्य में तीन करोड़ 23 लाख से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे।
यह चरण इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और प्रधानमंत्री के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में भी मतदान हो रहा है। इनके अलावा दूसरे चरण में अमरोहा, आजमगढ़, इटावा, एटा, कन्नौज, गोंडा, गौतम बुद्ध नगर, चित्रकूट, प्रतापगढ़, बदायूं, बागपत, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मैनपुरी, महराजगंज, लखीमपुर-खीरी, ललितपुर और सुल्तानपुर में भी मतदान चल रहा है।
प्राप्त सूचना के अनुसार दोपहर एक बजे तक बिजनौर जिले में 41.22 प्रतिशत और बागपत में 41.70 प्रतिशत मतदान हुआ। इसके अलावा गोंडा में 25.80 प्रतिशत, आजमगढ़ में 39.60, वाराणसी में 35 प्रतिशत, ललितपुर में 37.60 प्रतिशत, सुल्तानपुर में 30.78 प्रतिशत, कन्नौज में 38.20, महाराजगंज में 35.67 प्रतिशत और प्रतापगढ़ में 30.37 प्रतिशत मतदान हुआ।
आयोग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, दूसरे चरण में जिला पंचायत सदस्य की 787 सीटों के लिए 11,483 उम्मीदवार, क्षेत्र पंचायत सदस्य की 19,653 सीटों के लिए 85,232 प्रत्याशी, ग्राम प्रधान की 14,897 सीटों के लिए 1,21,906 उम्मीदवार तथा ग्राम पंचायत वार्ड की 1,87,781 सीटों के लिए 1,30,305 प्रत्याशी मैदान में हैं।
निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए 2.31 लाख से अधिक चुनाव अधिकारियों को तैनात किया गया है।
पंचायत चुनाव के पहले चरण के लिए 15 अप्रैल को औसतन 71% मतदान हुआ था। वर्ष 2015 में हुए पिछले पंचायत चुनाव में 72.11% मतदान दर्ज किया गया था।
गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को 25 मई तक पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
राज्य में कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर राज्य निर्वाचन आयोग ने मार्च में निर्देश दिए थे कि पंचायत चुनाव के दौरान अधिकतम पांच लोग ही घर-घर जाकर प्रचार कर सकते हैं।
इटावा से मिली खबर के अनुसार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सोमवार को हो रहे मतदान में इस बार पैतृक गांव सैफई में समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव अपने सार्वजनिक जीवन मे पहली बार कोविड-19 के कारण मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सकेंगे।
मुलायम सिंह यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सैफई में मतदान के दिन इस बार कोविड के चलते नेताजी अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सकेंगे।
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