लखनऊ गोलीकांड: प्रशांत ने बगैर ट्रेनिंग के ली थी पिस्टल, रौब झाड़ने को हथियार रखते हैं सिपाही
By भारती द्विवेदी | Updated: October 5, 2018 11:28 IST2018-10-05T11:16:34+5:302018-10-05T11:28:59+5:30
Vivek Tiwari Murder Case (लखनऊ गोलीकांड अपडेट): पुलिस प्रशिक्षण नियमावली के अनुसार हथियार पद के हिसाब से दिया जाता है। सिपाहियों को राइफल दी जाती है। पहले केवल उन्हें 303 बोर राइफल की ट्रेनिंग दी जाती थी।

Vivek Tiwari Murder Case| लखनऊ गोलीकांड अपडेट| विवेक तिवारी मर्डर केस अपडेट
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर:लखनऊ गोलीकांड में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे नए खुलासों की लिस्ट लंबी होती जा रही है। एसआईटी की जांच में बृहस्पतिवार को अब इस बात का खुलासा हुआ है कि आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी को पिस्टल चलाने की ट्रेनिंग नहीं मिली थी। उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से उन्हें पिस्टल चलाने की ट्रेनिंग नहीं दी गई थी। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओम प्रकाश सिंह ने विवेक तिवारी हत्याकांड के पीछे पेशेवर प्रशिक्षण की कमी बताया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि साल 2013-2017 के बीच भर्ती किए गए सिपाहियों के लिए रीफ्रेशर कोर्स चलाया जाएगा। ये कोर्स आठ अक्टूबर से शुरू किया जाएगा।
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिर्फ आरोपी प्रशांत ही नहीं बल्कि लखनऊ के 43 थानों में तैनात लगभग तीन सौ सिपाहियों को पिस्टल चलाने की ट्रेनिंग नहीं दी गई है। और बिना ट्रेनिंग ही सबको पिस्टल दे दिया गया है। पुलिस प्रशिक्षण नियमावली के अनुसार हथियार पद के हिसाब से दिया जाता है। सिपाहियों को राइफल दी जाती है। पहले केवल उन्हें 303 बोर राइफल की ट्रेनिंग दी जाती थी। लेकिन पिछले कुछ सालों आधुनिक हथियार मुहैया होने के बाद इंसास, एसएलआर और कार्बाइन चलाने की ट्रेनिंग दी जाने लगी।
दरोगा, प्रोन्नत हेड कॉन्स्टेबल रैंक वालों को एके-47, एनपी-5, 38 बोर के रिवॉल्वर और 9 एमएम की पिस्टल चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। ये ट्रेनिंग 6 महीनों की होती है, जिसमें अलग-अलग हथियारों की जानकारी के साथ उन्हें चलाने की भी ट्रेनिंग दी जाती है। खबर के अनुसार कंधे पर भारी-भरकम राइफल टांगकर चलने में सिपाहियों को रौब का अहसास नहीं होता है, जिसकी वजह वो रिजर्व पुलिस लाइन्स या थाने के ड्यूटी मुंशी और असलहा इंचार्ज भी 500-1000 हजार रुपये देकर मन मुताबिक हथियार लेते हैं।
गौरतलब है कि, बीते दिनों एपल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक आईफोन लॉन्चिंग के बाद अपनी महिला सहकर्मी के साथ घर लौट रहे थे। लखनऊ की गोमती नगर में पुलिस ने उन्हें गाड़ी रोकने का इशारा किया तो विवेक ने दरकिनार कर दिया। इसके बाद कांस्टेबल प्रशांत चौधरी ने शक में गोली चला दी, जिससे विवेक की मौत हो गई। एसपी ने बताया कि सना खान की शिकायत पर कॉन्स्टेबल के खिलाफ गोमतीनगर थाने में आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है।