सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार देवघर और बासुकीनाथ मंदिर में दर्शन प्रारंभ
By भाषा | Published: August 27, 2020 04:19 PM2020-08-27T16:19:53+5:302020-08-27T16:56:18+5:30
देवघर के उपायुक्त कमलेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि आज सुबह छह बजे से दस बजे तक चार घंटे के लिए बाबा धाम के कपाट भक्तों के लिए खोले गये
प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार को प्रसिद्ध वैद्यनाथ धाम एव दुमका स्थित बासुकीनाथ मंदिर में झारखंड के लोगों के लिये दर्शन की व्यवस्था शुरू कर दी। इसके तहत दोनों मंदिरों को चार-चार घंटों के लिये भक्तों के दर्शनार्थ खोला गया। गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दूबे की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 31 जुलाई 2020 को दिये गए आदेश के मद्देनजर राज्य सरकार ने यह व्यवस्था की है।
देवघर के उपायुक्त कमलेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि आज सुबह छह बजे से दस बजे तक चार घंटे के लिए बाबा धाम के कपाट भक्तों के लिए खोले गये और इस दौरान 200 भक्तों को शिवलिंग के दर्शन की अनुमति दी गयी। उन्होंने बताया कि आज भक्तों को पहले पहुंचने के आधार पर सामाजिक दूरी के नियम का पालन कराकर दर्शन की अनुमति दी गयी। प्रति दिन इसी समय में दो सौ भक्तों को अभी भगवान के दर्शन की अनुमति दी जायेगी। उन्होंने बताया कि फिलहाल सिर्फ झारखंड के भक्तों को ही बाबाधाम में दर्शन की अनुमति दी गयी।
प्रदेश सरकार के आदेश के अनुसार मानकों का पालन करते हुए प्रति घंटे अधिकतम पचास भक्तों को भगवान के दर्शन करने की अनुमति होगी। उपायुक्त ने बताया कि अगले दो-तीन दिनों में दर्शन करने वालों के लिए ई-पास की व्यवस्था कर दी जायेगी। देवघर के पुलिस अधीक्षक पीयूष पांडेय ने बताया कि देवघर से बिहार की लगने वाली सीमा एवं अन्य राज्यों से फिलहाल किसी भक्त को बाबा के दर्शन के लिए यहां आने की अनुमति नहीं दी जायेगी।
दूसरी ओर दुमका में बासुकीनाथ धाम में भी आज सरकार की अधिसूचना के अनुसार झारखंड के भक्तों को सुबह सात बजे से ग्यारह बजे तक दर्शन की अनुमति दी गयी है। अधिसूचना में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए प्रति घंटे चालीस लोगों को दर्शन की अनुमति देने का निर्देश जिला प्रशासन को दिया गया है।
स्थानीय उपमंडलीय अधिकारी महेश्वर महतो ने बताया कि आज बासुकीनाथ मंदिर में भी ई-पास की व्यवस्था नहीं की जा सकी अतः टोकन के आधार पर भक्तों को दर्शन की अनुमति दी गयी। इस बीच भक्तों ने लॉकडाउन प्रारंभ होने के बाद श्रावण के अंतिम सोमवार को छोड़कर पहली बार दोनों सिद्ध मंदिरों में दर्शन की अनुमति दिये जाने पर भारी प्रसन्नता व्यक्त की है और आशा व्यक्त की है कि शीघ्र उन्हें भगवान के पूजन की भी अनुमति प्राप्त होगी। देवघर में एक भक्त मिथिलेश कुमार ने कहा कि भगवान बाबाधाम के दर्शन कर उन्हें अत्यंत आनंद की प्राप्ति हुई।