कई विशेषज्ञों की सलाह- 'लॉकडाउन हल नहीं, कोविड के खिलाफ मास्क वैसा ही हथियार है जैसा HIV के खिलाफ कंडोम'

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 1, 2021 12:19 IST2021-05-01T12:11:47+5:302021-05-01T12:19:23+5:30

कोरोना के देश में लगातार तेजी से बढ़ रहे मामलों के बीच कई ऐसे विशेषज्ञ हैं जिनका मानना है कि लॉकडाउन समस्या का समाधान नहीं है। इसकी बजाय लोगों को बार-बार मास्क के उपयोग को लेकर और जागरूक बनाना चाहिए।

virologist experts says mask is for Covid just as condoms was for HIV | कई विशेषज्ञों की सलाह- 'लॉकडाउन हल नहीं, कोविड के खिलाफ मास्क वैसा ही हथियार है जैसा HIV के खिलाफ कंडोम'

विशेषज्ञों की राय- लोगों को मास्क को लेकर और जागरूक बनाने की जरूरत (फाइल फोटो)

Highlightsभारत में कोरोना के पिछले करीब 20 दिनों से रोज 2 लाख से अधिक आ रहे हैं कोरोना के नए मामलेकई विशेषज्ञों के अनुसार लोगों को ऐसे मुश्किल समय में मास्क के उपयोग के बारे में ज्यादा जागरूक करना चाहिए

भारत में कोरोना संक्रमण के मामले पिछले करीब 20 दिनों से तेजी से बढ़ रहे हैं। यही नहीं पिछले 24 घंटे में तो देश में कोरोना के 4 लाख से अधिक नए मरीज मिले हैं। साथ ही 3500 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। ऐसे में हालात बद से बदतर हो रहे हैं।

ऐसे में कई विशेषज्ञ मानते हैं कि लोगों को सोशल कॉनटैक्ट से रोकने से बेहत है कि उन्हें सुरक्षित संपर्क के बारे में जागरूक किया जाए। जाने-माने वायरोलॉजिस्ट और वैक्सीन रिसर्चर डॉक्टर ठेकेकारा जैकब जॉन ने एचआईवी के उदाहरण के जरिए अपनी बात लोगों और सरकार के पास रखना चाहते हैं।

आउटलुक इंडिया की रिपोर्ट के अनुसा डॉक्टर जॉन ने बताया, 'एचआईवी जब आया तब आप क्या चाहते थे? सुरक्षित यौन संबंध बनाना या फिर यौन संबंधों से दूरी बना लेना? सुरक्षित यौन संबंध मतलब कंडोम का इस्तेमाल से है। ऐसे में जाहिर है लोगों ने कंडोम को चुना। इसलिए मास्क पहनना एक बेहतर बचाव है ना कि लॉकडाउन।'

भारत में पिछले साल जब पहली बार लॉकडाउन लगा था, उस समय भी डॉक्टर जॉन इसके पक्ष में नहीं थे। उनका मानना था कि मानव सामाजिक प्राणी है उसे दूसरे से संपर्क बनाने से रोकने पर उसके मानसिक स्वास्थ्य पर असर होगा।

ऐसे ही प्रोफेसर वासंतापुरम रवि भी मानते हैं कि पूरी तरह लॉकडाउन लगा देना समस्या का समाधान नहीं है और ये पूरी तरह संभव भी नहीं है। प्रोफेसर रवि भी वायरोलॉजिस्ट हैं और स्पूतनिक V वैक्सीन के एडवायजरी बोर्ड में शामिल थे।

प्रोफेसर रवि के अनुसार, 'जबरन लोगों के व्यवहार को नहीं बदला जा सकता है। एचआईवी के समय भी लोग कंडोम पहनने को तैयार नहीं थे जैसे कि आज मास्क पहनने को तैयार नहीं होते हैं।' उन्होंने आगे कहा हमेशा लोगों को सुरक्षित यौन संबंध बनाने के बारे में जागरूक करना यौन संबंध नहीं बनाने से बेहतर विकल्प है।

एक अन्य वायरस वैज्ञानिक प्रोफेसर रामास्वामी पिच्छपन भी मानते हैं कि लॉकडाउन के कई नुकसान हैं। उनके अनुसार लॉकडाउन की बजाय लोगों को नए कोविड व्यवहार के बारे में बताया जाना चाहिए।

Web Title: virologist experts says mask is for Covid just as condoms was for HIV

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