बंगाल चुनाव बाद हिंसा: उच्च न्यायालय ने भाजपा नेता के शव का फिर से पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया

By भाषा | Updated: July 2, 2021 19:29 IST2021-07-02T19:29:29+5:302021-07-02T19:29:29+5:30

Violence after Bengal elections: High Court orders re-postmortem of BJP leader's body | बंगाल चुनाव बाद हिंसा: उच्च न्यायालय ने भाजपा नेता के शव का फिर से पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया

बंगाल चुनाव बाद हिंसा: उच्च न्यायालय ने भाजपा नेता के शव का फिर से पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया

कोलकाता, दो जुलाई राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की एक समिति द्वारा पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर सौंपी गई अंतरिम रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक श्रमिक इकाई के नेता का दूसरी बार पोस्टमार्टम कराने का निर्देश दिया। अदालत ने साथ ही कोलकाता पुलिस के एक उपायुक्त को कारण बताओ नोटिस जारी किया कि उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जाये।

कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ इस समय पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा का आरोप लगाने वाली कई जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही है। पीठ ने इन घटनाओं की जांच के लिये समिति को और समय देने का अनुरोध स्वीकार कर लिया है।

पीठ ने आदेश में कहा, ‘‘दक्षिण उपनगरीय प्रभाग, कोलकाता के पुलिस उपायुक्त राशिद मुनीर खान को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता कि 18 जून, 2021 को इस अदालत द्वारा पारित आदेश के उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जाए।’’ अदालत ने कहा कि अंतरिम रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि समिति के एक सदस्य आतिफ रशीद को उस समय अपना कर्तव्य निभाने से रोका गया जब 29 जून को जादवपुर इलाके में गुंडों द्वारा उन पर और उनकी टीम पर हमला किया गया।

उच्च न्यायालय ने 18 जून को एनएचआरसी को पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा के दौरान कथित मानवाधिकार उल्लंघन के संबंध में सभी मामलों की जांच के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था। अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि समिति के सदस्य जब भी किसी भी स्थान का दौरा करना चाहते हैं तो उन्हें सभी सहायता प्रदान करें और यह सुनिश्चित करें कि इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं हो।

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘इस तरह के व्यवधान को गंभीरता से लिया जाएगा, जिस पर अन्य के अलावा न्यायालय अवमानना अधिनियम के तहत कार्रवाई हो सकती है।’’

इस पीठ में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल के अलावा न्यायमूर्ति आई पी मुखर्जी, न्यायमूर्ति हरीश टंडन, न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार शामिल हैं।

पीठ ने पुलिस को उन सभी मामलों में मामले दर्ज करने का निर्देश दिया जो या तो उसे रिपोर्ट किए गए हैं या एनएचआरसी या किसी अन्य प्राधिकरण के समक्ष रखे गए हैं। अदालत ने निर्देश दिया कि सीआरपीसी की धारा 164 के तहत पीड़ितों के बयान कानून के अनुसार तुरंत दर्ज कराने के लिए कदम उठाए जाएं।

अदालत ने कोलकाता में भारतीय मजदूर ट्रेड यूनियन परिषद के उपाध्यक्ष अभिजीत सरकार का फिर से पोस्टमार्टम करने का आदेश दिया। सरकार के परिवार ने फिर से पोस्टमार्टम कराने की मांग की थी, जिसे पुलिस और प्रशासन ने स्वीकार नहीं किया था।

विधानसभा चुनाव के बाद राज्य सरकार को हिंसा में घायल हुए सभी लोगों के इलाज की पूरी व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया था। समिति ने अदालत के निर्देशानुसार 30 जून को सीलबंद लिफाफे में प्रारंभिक रिपोर्ट न्यायालय को सौंपी थी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Violence after Bengal elections: High Court orders re-postmortem of BJP leader's body

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे