भय्यूजी महाराज: सुसाइड नोट लिख जिसके नाम कर गए सारी जायदाद, पहली बार सामने आया वो सेवादार

By भारती द्विवेदी | Published: June 14, 2018 11:18 AM2018-06-14T11:18:26+5:302018-06-14T11:18:26+5:30

भय्यूजी महाराज द्वारा सारी संपत्ति और जिम्मेदारी उन्हें सौंपने पर विनायक का कहना है कि संस्थान की कमिटी, परिवार वालों के साथ मिलकर सारी जिम्मेदारी निभाएंगे।

vinayak bhaiyyuji mahara madhya pardesh Indore | भय्यूजी महाराज: सुसाइड नोट लिख जिसके नाम कर गए सारी जायदाद, पहली बार सामने आया वो सेवादार

भय्यूजी महाराज: सुसाइड नोट लिख जिसके नाम कर गए सारी जायदाद, पहली बार सामने आया वो सेवादार

नई दिल्ली, 14 जून: मध्य प्रदेश के आध्यात्मिक गुरू भय्यूजी महाराज की सुसाइड पर लोगों ने सवाल खड़ने शुरू कर दिए हैं। उनकी मौत के बाद पुलिस को उनके कमरे से दो सुसाइड नोट मिले थे। पहले में जहां उन्होंने अपनी सुसाइड के पीछे पारिवारिक कलह बताया था। वहीं दूसरे सुसाइड नोट में उन्होंने अपनी सारी संपत्ति अपने सबसे करीबी सेवादार विनायक के नाम कर दी है। 15 साल से भय्यू जी महाराज की सेवा कर रहे विनायक ने उनके बारे में मीडिया से बात करते हुए कहा है-  'भय्यूजी बहुत सीधे और सरल आदमी थे। वो सबके प्रति समान भावना रखते थे। वो कहीं जाने के पहले ये नहीं देखते थे कि कौन कैसा है। वो आम लोगों के बीच रुकते थे। साथ ही खूब नुक्कड़ सभा करते थे।'

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आखिर लाखों लोगों को हौसला देने वाले भय्यूजी महाराज जैसे लोग भी खुदकुशी क्यों कर लेते हैं ?

भय्यूजी महाराज द्वारा सारी संपत्ति और जिम्मेदारी उन्हें सौंपने पर विनायक का कहना है कि संस्थान की कमिटी, परिवार वालों के साथ मिलकर सारी जिम्मेदारी निभाएंगे। बता दें कि भय्यूजी महाराज ने अपने दूसरे सुसाइड लेटर में ये लिखा था कि वो बिना किसी दवाब के अपनी सारी जिम्मेदारी और संपत्ति विनायक के नाम कर रहे हैं।

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कौन थे भय्यूजी महाराज:

साल 1968 में भय्यूजी महाराज का जन्म शुजालपुर के एक किसान परिवार में हुआ था। उऩका असली नाम उदयसिंह देखमुख था। पहले वो फैशन और मॉडलिंग की दुनिया से जुड़े थे लेकिन बाद में उन्होंने सबस छोड़ आध्यातम को अपनाया था। इंदौर में बापट चौराहे पर उनका आश्रम है जहां से वे अपने ट्रस्ट के सामाजिक कार्यों का संचालन करते थे। भय्यूजी महाराज की पहली पत्नी का नाम माधवी था, जिनका निधन साल 2015 में निधन हुआ था। भय्यूजी महाराज और उनकी पहली पत्नी माधवी से एक बेटी है, जिसका नाम कुहू है और वो पुणे में पढ़ाई करती है। इसी साल 30 अप्रैल को भय्यूजी महाराज ने आश्रम में रहने वाली डॉ. आयुषी से दूसरी शादी की थी। 12 जून को भय्यूजी महाराज ने खुद गोली मारी आत्महत्या कर ली थी।

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