भय्यूजी महाराज: जिस जगह रचाई थी दूसरी शादी, वहीं खुद को गोली मार खत्म की जिंदगी

By भारती द्विवेदी | Published: June 13, 2018 11:32 AM2018-06-13T11:32:36+5:302018-06-13T11:32:36+5:30

दोपहर 1 बजे विजय नगर स्थित सयाजी मुक्ति धाम पर उनका अंतिम संस्कार होगा, जहां उनकी बेटी कुहू उन्हें मुखाग्नि देंगी। 

bhayyuji maharaj second marriage funeral suicide madhya pradesh | भय्यूजी महाराज: जिस जगह रचाई थी दूसरी शादी, वहीं खुद को गोली मार खत्म की जिंदगी

भय्यूजी महाराज: जिस जगह रचाई थी दूसरी शादी, वहीं खुद को गोली मार खत्म की जिंदगी

नई दिल्ली, 13 जून: मध्यप्रदेश आध्यत्मिक गुरू भय्यूजी महाराज ने मंगलावार (12 जून) को गोली मार आत्महत्या कर ली थी। भय्यूजी महाराज का आज अंतिम संस्कार होना है। अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को इंदौर स्थित आवास पर रखा गया है। दोपहर 1 बजे विजय नगर स्थित सयाजी मुक्ति धाम पर उनका अंतिम संस्कार होगा, जहां उनकी बेटी कुहू उन्हें मुखाग्नि देंगी। भय्यूजी महाराज ने इंदौर के सिल्वर स्प्रिंग स्थित अपने घर पर कल आत्महत्या की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये वहीं बंगला है, जहां पर उन्होंने 30 अप्रैल को डॉक्टर आयुषी के साथ दूसरी शादी रचाई थी। उनके आत्महत्या के पीछे पारिवारिक कलह बताया जा रहा है।

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भय्यू महाराज का आध्यात्मिक दुनिया से ज्यादा बॉलीवुड और राजनीतिक दुनिया में पैठ थी। उनके आश्रम में एक से बढ़कर हस्तियां आध्यात्मिक लाभ के लिए आती थीं। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं। पीएम मोदी जब कभी आश्रम आते वह झुककर भय्यू महाराज को प्रणाम करते। पीएम मोदी के अलावा पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल का नाम भी भय्यूजी महाराज के आश्रम में आने वालों में शामिल है।

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भय्यू महराज सबसे ज्यादा चर्चा में तब आए जब उन्हें अन्ना आंदोलन के वक्त तत्कालीन सरकार ने आंदोलन समाप्त कराने के लिए बातचीत के लिए सरकार का प्रतिधिनित्व के लिए भेज दिया। आखिर में जब अन्ना ने अपना आमरण अनशन तोड़ा तो उनको जूस पिलाने के लिए भय्यू महाराज को चुना गया। इतना ही नहीं, जब गुजरात में नरेंद्र मोदी सद्भावना उपवास के लिए बैठे तो उनके उपवास को तुड़वाने के ‌लिए भय्यू महाराज को ही भेजा गया।

कौन थे भय्यूजी महाराज:

साल 1968 में भय्यूजी महाराज का जन्म शुजालपुर के एक किसान परिवार में हुआ था। उऩका असली नाम उदयसिंह देखमुख था। पहले वो फैशन और मॉडलिंग की दुनिया से जुड़े थे लेकिन बाद में उन्होंने सबस छोड़ आध्यातम को अपनाया था। इंदौर में बापट चौराहे पर उनका आश्रम है जहां से वे अपने ट्रस्ट के सामाजिक कार्यों का संचालन करते थे। भय्यूजी महाराज की पहली पत्नी का नाम माधवी था, जिनका निधन साल 2015 में निधन हुआ था। भय्यूजी महाराज और उनकी पहली पत्नी माधवी से एक बेटी है, जिसका नाम कुहू है और वो पुणे में पढ़ाई करती है। इसी साल 30 अप्रैल को भय्यूजी महाराज ने आश्रम में रहने वाली डॉ. आयुषी से दूसरी शादी की थी।

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