महाराष्ट्र में आदिवासी व्यक्ति को जबरन बंधुआ मजदूर बनाने के लिए ग्रामीण पर मुकदमा

By भाषा | Updated: August 20, 2021 10:33 IST2021-08-20T10:33:50+5:302021-08-20T10:33:50+5:30

Villager sued for forcibly making a tribal person a bonded laborer in Maharashtra | महाराष्ट्र में आदिवासी व्यक्ति को जबरन बंधुआ मजदूर बनाने के लिए ग्रामीण पर मुकदमा

महाराष्ट्र में आदिवासी व्यक्ति को जबरन बंधुआ मजदूर बनाने के लिए ग्रामीण पर मुकदमा

महाराष्ट्र के पालघर जिले में पुलिस ने मोखदा के एक व्यक्ति के खिलाफ आदिवासी ग्रामीण को बंधुआ मजदूरी के लिए कथित तौर पर मजबूर करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। एक अधिकारी ने बताया कि आदिवासी व्यक्ति ने आरोपी से 500 रुपये उधार लिए थे। उन्होंने बताया कि मामले में पीड़ित व्यक्ति, कालु धर्मा पवार की इस साल जुलाई में मौत हो गई थी और उससे करीब आठ महीने पहले, नवंबर 2020 में उसका बेटा, जो कि आठवीं कक्षा का छात्र था, उनके गांव कातकारीवाड़ी में मृत मिला था। पुलिस ने बताया कि पवार ने आरोपी रामदास अंबु कोरदे से 500 रुपये उधार लिए थे क्योंकि उसके पास अपने बेटे के अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं थे। कोरदे के खिलाफ मामला हाल में पवार की 40 वर्षीय पत्नी की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया। मोखदा थाने के सहायक निरीक्षक सतीश गवई ने कहा कि आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है और जवाहर पुलिस उपाधीक्षक मामले की जांच कर रहे हैं।पवार की पत्नी ने अपनी शिकायत में कहा कि उनका बेटा दीपावली से कुछ दिन पहले गांव के पास मृत मिला था। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि उसने आत्महत्या की, गलती से गिर गया या किसी ने उसे धक्का दिया। परिवार के पास अंतिम संस्कार के लिए बच्चे की लाश को लपेटने के वास्ते कपड़ा खरीदने के पैसे तक नहीं थे, इसलिए उसका पति कोरदे के पास गया और उससे 500 रुपये उधार लिए। शिकायत में कहा गया है कि आरोपी ने पवार से कहा कि पैसे चुकाने की बजाय वह उसके खेत पर काम करे और मवेशियों को भी चराने ले जाए। इसमें कहा गया कि जैसा तय हुआ था, अपने बेटे का अंतिम संस्कार करने के बाद पवार कोरदे के घर काम करने लगा, लेकिन उसकी मजदूरी तय नहीं हुई थी। कोरदे उसे हर सुबह खाने के लिए ज्वार या बाजरे की एक रोटी देता था और फिर सीधे रात में खाना देता था। पवार को दोपहर को खाने के लिए कुछ नहीं दिया जाता था। पुलिस ने शिकायत के हवाले से बताया कि पवार जब भी मजदूरी मांगता, कोरदे उससे दुर्व्यवहार करता। गवई ने बताया कि शिकायत के आधार पर मोखदा पुलिस ने बंधुआ मजदूरी व्यवस्था (उन्मूलन) अधिनियम, और आईपीसी की धारा 374 (गैरकानूनी अनिवार्य श्रम) के तहत कोरदे के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

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Web Title: Villager sued for forcibly making a tribal person a bonded laborer in Maharashtra

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