परिसर में टहलने आने वालों से स्वैच्छिक ऑक्सीजन कर वसूल सकता है विक्रम विश्वविद्यालय
By भाषा | Updated: August 2, 2021 19:39 IST2021-08-02T19:39:52+5:302021-08-02T19:39:52+5:30

परिसर में टहलने आने वालों से स्वैच्छिक ऑक्सीजन कर वसूल सकता है विक्रम विश्वविद्यालय
उज्जैन (मध्य प्रदेश), दो अगस्त मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित शासकीय विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति अखिलेश कुमार पांडे ने सोमवार को कहा कि विश्वविद्यालय अपने परिसर में ताजी हवा के लिए सुबह-शाम टहलने आने वालों पर स्वैच्छिक ऑक्सीजन कर लगाने पर विचार कर रहा है।
पांडे ने ‘भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘हमारे विश्वविद्यालय के परिसर में रोज सुबह-शाम शहर के 5,000 से 7,000 लोग टहलने, दौड़ने, साइकिल चलाने आते हैं क्योंकि परिसर में काफी हरियाली और पेड़-पौधे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे लोगों से हमारा निवेदन है कि वे विश्वविद्यालय को कुछ राशि सहयोग में दें या परिसर में खुद ही पेड़ लगाएं और उनका संरक्षण करें, ताकि पूरे परिसर को और हरा-भरा किया जा सके।’’
पांडे ने बताया कि कोविड के दूसरी लहर में देश ने ऑक्सीजन की कमी को बहुत करीब से झेला और उसकी उपयोगिता को समझा है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए ऐसा मान लीजिए कि यह स्वैच्छिक कर जैसा है जो आप स्वयं पर लगा रहे हैं।’’
पांडे ने बताया कि छात्रों को भी इस काम में आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक पेड़ रोज 550 से 650 लीटर तक ऑक्सीजन देता है।
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