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माल्या के खुलासे से चर्चा में आया स्वामी का 3 महीने पुराना ट्वीट, जानिए क्या है कारण

By ऐश्वर्य अवस्थी | Updated: September 12, 2018 21:52 IST

माल्या ने आज खुलासा किया है कि देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात करने का बयान देकर भारत में राजनीतिक बहस को फिर तेज कर दिया है।

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नई दिल्ली, 12 सितंबर: बुधवार (12 सितंबर) को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नौ हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेकर फरार होने के आरोपी कारोबारी विजय माल्या से मुलाकात करने और उसके कर्ज चुकाने की पेशकश के दावे का खण्डन किया है। बुधवार को माल्या ने दावा किया कि भारत छोड़ने से पहले उन्होंने जेटली से मिलकर बैंकों का कर्ज चुकाने की पेशकश की थी।

 माल्या ने आज खुलासा किया है कि देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात करने का बयान देकर भारत में राजनीतिक बहस को फिर तेज कर दिया है। एक तरफ कांग्रेस-बीजेपी माल्या को लेकर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहें हैं। खुद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके इस पर तीखी प्रतिक्रिया पेश की है। इस ट्वीट के साथ केजरीवाल ने बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का 3 महीने पुराना एक ट्वीट भी रीट्वीट किया है।

 तीन माह पुराना 12 जून का को स्वामी ने एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि माल्या देश नहीं छोड़ सकता क्योंकि हवाई अड्डों पर उसके खिलाफ कड़ा लुक आउट नोटिस जारी हो चुका था। इसके बाद वो दिल्ली आया और उसने किसी प्रभावी शख्स से मुलाकात की जो विदेश जाने से रोकने वाले उस नोटिस को बदल सकता था, वो शख्स कौन था जिसने नोटिस को कमजोर किया? केजरीवाल के इस ट्वीट के साथ स्वामी छा गए हैं।

 माल्या ने दावा किया कि भारत छोड़ने से पहले उन्होंने जेटली से मिलकर बैंकों का कर्ज चुकाने की पेशकश की थी। अरुण जेटली ने एक लिखित बयान जारी करके कहा है कि माल्या का बयान पूरी तरह झूठ है और सच से उसका कोई वास्ता नहीं है। जेटली ने कहा है कि साल 2014 से अब तक उन्होंने कभी विजय माल्या को मुलाकात का वक्त नहीं दिया इसलिए उनसे मुलाकात का सवाल ही नहीं उठता। 

विजय माल्या के बयान का खंडन करते हुए अरुण जेटली ने कहा है, "...चूँकि वो राज्य सभा के सांसद थे और कभी-कभी संसद आते थे तो उन्होंने सांसद के तौर पर मिली हुई सुविधा का लाभ उठाते हुए एक मौके पर मेरे सदन से निकलते समय तेज चाल में चलकर मेरे पास आकर कहा कि "मैं कर्ज चुकाने का प्रस्ताव देना चाहता हूँ।" उनके पुराने खोखले वादों के बारे में मुझे पहले ही जानकारी  दी जा चुकी थी इसलिए मैंने उनसे कहा कि "मुझसे बात करने का कोई मतलब नहीं आप अपने बैंकरों से बात करें।" मैंने उनके हाथ में मौजूद कागजात तक नहीं लिये।" जेटली के अनुसार इस एक मौके पर इस एक पंक्ति से ज्यादा उनकी विजय माल्या से कोई बात नहीं हुई है। 

बुधवार को लंदन की अदालत में सुनवाई से पहले विजय माल्या ने पत्रकारों से कहा कि उनका मामला अदालत में है और अब वही इसका फैसला करेगी। भारतीय एजेंसियों ने लंदन की अदालत में माल्या को भारत प्रत्यार्पित करने की अर्जी दायर  की थी जिसपर सुनवाई चल रही है।

टॅग्स :सुब्रमणियन स्वामीविजय माल्याअरविन्द केजरीवालअरुण जेटली
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