"नीतीश कुमार ने बिहार का तेरहवां कर दिया," बिहार में नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री पर कसा तंज
By एस पी सिन्हा | Published: January 2, 2023 04:15 PM2023-01-02T16:15:14+5:302023-01-02T16:15:14+5:30
नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 13 बार यात्रा कर चुके हैं और वो बिहार का ’तेरहवां’ कर चुके हैं।
पटना:बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फिर से पलटी मार देने की लगाई जा रही सियासी अटकलों के बीच नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा का कहना है कि भाजपा के साथ नीतीश अब कभी भी नहीं आ सकते। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के एनडीए छोड़कर जाने से भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी है। विजय सिन्हा ने कहा कि भाजपा भले ही विपक्ष में हो, लेकिन कार्यकर्ता जोश और उत्साह से कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पीएम बनने का सपना लेकर नीतीश कुमार महागठबंधन में गए हैं। इसे जनता देख रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 13 बार यात्रा कर चुके हैं और वो बिहार का ’तेरहवां’ कर चुके हैं। बिहार के लोग तो यह जानते ही हैं कि ’तेरहवां’ कब होता है? उनको यह समझ लेना चाहिए की ’तेरहवां’ के बाद सबकुछ खत्म हो जाता है। उन्होंने यह समझना चाहिए कि उनके ही गठबंधन के एक बड़े नेता कह चुके हैं कि, यदि पहले का यात्रा उपयोगी होता तो वापस से इसकी जरूरत नहीं होती। इसलिए अब आप यात्रा के नाम पर पिकनिक मत मनाइये।
उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री को सही मायने में किसी चीज की समीक्षा करना है तो अपराध, शराबबंदी, भ्रष्टाचार पर करें। आज जिस तरह शराबबंदी के कारण थाने की मिली भगत से शराब माफिया पैदा ले रहे हैं, उसकी समीक्षा करनी चाहिए। लेकिन, इनको यह सबकुछ समझ में ही नहीं आता है। विजय सिन्हा ने कहा कि नीतीश कुमार दरअसल काफी महत्वाकांक्षी व्यक्ति हैं। वे बिना सत्ता के नहीं रह सकते। उनकी पार्टी कभी बहुमत का आंकड़ा नहीं छू सकी, फिर भी जैसे- तैसे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बरकरार रहे। पिछले विधानसभा में उनकी पार्टी तीसरे नंबर की पार्टी थी, लेकिन मुख्यमंत्री वही रहे।
विजय सिन्हा ने कहा कि कुछ महीनों के बाद जदयू नाम की राजनीतिक पार्टी देखने तक को नहीं मिलेगी। हाल में हुए विधानसभा उपचुनाव के परिणाम ने साफ संकेत दे दिया है कि जदयू अब इतिहास की बात रह गई है। अगले चुनाव में भाजपा और राजद ही नजर आएगी। नीतीश कुमार खुद अपना उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव को मान चुके है। सार्वजनिक तौर पर वे कह चुके हैं कि अब तेजस्वी यादव को आगे बढ़ाना है। क्या जदयू में ऐसा कोई नेता नहीं, जिसे आगे बढ़ाया जाए? जदयू के नेताओं में आज असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो गई है। लोग समय की तलाश में हैं। जदयू में वही नेता हैं जो राजद के जंगलराज के खिलाफ लड़ाई लड़कर यहां आए हैं और आज आप उसी जंगलराज के पुरोधा के साथ गलबहिया कर रहे हैं, कोई इसे स्वीकार करेगा?