2021 में कोविड के नजारे : टीकों की आशा में बदतर से बेहतर तक

By भाषा | Published: December 29, 2021 05:36 PM2021-12-29T17:36:47+5:302021-12-29T17:36:47+5:30

Views of Kovid in 2021: From Worse to Better in the Hope of Vaccines | 2021 में कोविड के नजारे : टीकों की आशा में बदतर से बेहतर तक

2021 में कोविड के नजारे : टीकों की आशा में बदतर से बेहतर तक

(पायल बनर्जी)

नयी दिल्ली, 29 दिसंबर कोविड-19 वैश्विक महामारी ने 2021 में घातक और अधिक विनाशकारी मोड़ ले लिया और वर्ष की शुरुआत में टीकों के आ जाने से मिली आशा की किरण उस वक्त धूमिल पड़ गई जब अस्पताल में बिस्तर, दवाएं, ऑक्सीजन पाने के साथ ही अपने प्रियजनों के लिए उचित अंतिम संस्कार की व्यवस्था के लिए संघर्ष कर रहे लोगों की तस्वीरें हर व्यक्ति के मन में छप गई थी।

जैसे ही वर्ष समाप्त होने वाला था और चीजें सामान्य होने लगीं, कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के उदय से स्वास्थ्य मंत्रालय में हड़कंप मच गया। देश में बुधवार तक इसके करीब 800 मामले सामने आ चुके हैं, वहीं टीकों की अतिरिक्त खुराकों की मांग तेजी होती जा रही है।

दो टीके - सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड और भारत बायोटेक द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित कोवैक्सीन - की खुराकों को 16 जनवरी से देना शुरू किया गया था, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों को पहले चरण में टीका लगाया गया था और फिर अग्रिम मोर्चा के कर्मियों को। अगले चरण में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित 45 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों को खुराकें दी गईं।

जैसे-जैसे टीकाकरण ने गति पकड़ी और इसके दायरे का विस्तार किया गया, सरकार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसकी आपूर्ति और उपलब्धता एवं टीका खरीद तथा वितरण नीतियों को संशोधित करने के विवादों से जूझना पड़ा।

इन सबके बीच, मई-जून में डेल्टा स्वरूप के चलते आई कोविड की एक दूसरी लहर ने स्वास्थ्य प्रणाली को घुटनों पर ला दिया और लोगों को मदद के लिए संघर्ष करते हुए छोड़ दिया।

देश में छह मई को संक्रमण के 4,14,188 मामलों के साथ दैनिक संक्रमण के मामले चरम पर पहुंचने और ऑक्सीजन तथा अस्पताल में बिस्तरों की कमी से वैश्विक चिंताएं बढ़ गईं।

इसके साथ दूसरी लहर अपने साथ एक और घातक संक्रमण - म्यूकरमाइकोसिस-लेकर आई, जो मुख्य रूप से स्टेरॉयड और संभवतः औद्योगिक ऑक्सीजन के अत्यधिक उपयोग के कारण प्रतिरक्षा कम होने के कारण होता है।

मामलों का दैनिक बोझ जून के बाद से कम होने लगा जब सरकार ने टीकाकरण अभियान को पूरी वयस्क आबादी के लिए खोल दिया और एक जून से आपूर्ति श्रृंखला वाले मुद्दों को हल किया।

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोविड-19 के मामले बुधवार तक 3,48,08,886 हो गए।

बहुत विचार-विमर्श के बाद और ओमीक्रोन खतरे के बीच, सरकार ने 15-18 वर्ष की आयु के लोगों के टीकाकरण के लिए अपनी मंजूरी दे दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर को घोषणा की कि 15-18 वर्ष के किशोरों के लिए टीकाकरण तीन जनवरी से शुरू होगा, जबकि स्वास्थ्य देखभाल और अग्रिम मोर्चा के कर्मियों के लिए "एहतियाती खुराक" 10 जनवरी से शुरू होगी।

भारत के औषधि महानियंत्रक ने कुछ शर्तों के साथ 12-18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों और किशोरों के टीकाकरण के लिए भारत बायोटेक के कोवैक्सीन और जाइडस कैडिला के सुई-मुक्त जाइकोव-डी को आपातकालीन उपयोग की अनुमति दी।

सरकार ने उन वयस्क रोगियों के इलाज के लिए दवा मोलनुपिरवीर के अलावा दो और कोविड टीके - कोवोवैक्स और कॉर्बेवैक्स - को भी अपनी मंजूरी दे दी है, जिनमें बीमारी के बढ़ने का उच्च जोखिम है।

दूसरी लहर के दौरान, सरकार के संकट से निपटने के सवालों के बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय ने आठ जुलाई को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के रूप में मनसुख मांडविया के हर्षवर्धन की जगह लेने का एक बड़ा बदलाव देखा।

मांडविया के कार्यभार संभालने के बाद, टीकाकरण अभियान और तेज हो गया और देश ने 21 अक्टूबर को 100 करोड़ खुराक देने की बड़ी उपलब्धि हासिल की।

ग्रामीण, उपनगरीय और आदिवासी क्षेत्रों में दूसरी लहर के प्रसार और महामारी की स्थिति को देखते हुए सरकार द्वारा जुलाई में एक नई योजना को मंजूरी दी गई थी, जिसका उद्देश्य शीघ्र रोकथाम, पता लगाने और प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारी में तेजी लाना था।

‘भारत कोविड-19 आपातकालीन प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज: चरण- 2 (ईसीआरपी-2 पैकेज)' बाल चिकित्सा देखभाल सहित स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे के विकास पर केंद्रित है।

इसके अलावा, देश में मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा 1563 प्रेशर स्विंग एडजॉर्प्शन (पीएसए) संयंत्र स्थापित किए गए थे।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने अक्टूबर में पीएम-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएमएबीएचआईएम) जैसे कार्यक्रम भी शुरू किए। नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सेवा को और अधिक सुलभ बनाने के उद्देश्य से 27 सितंबर को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) भी शुरू किया गया।

व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के उद्देश्य से, लोगों के घरों के करीब 1.5 लाख स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।

टीकाकरण कार्यक्रम अभियान को और गति देने के लिए और यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी छूटे हुए लाभार्थियों को जल्द से जल्द टीका लगाया जाए, नवंबर में "हर घर दस्तक" अभियान शुरू किया गया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Views of Kovid in 2021: From Worse to Better in the Hope of Vaccines

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे