वीडियो: हिन्दी को लेकर लोक सभा में भिड़े सुषमा स्वराज और शशि थरूर

By IANS | Published: January 3, 2018 07:15 PM2018-01-03T19:15:34+5:302018-01-03T19:26:58+5:30

संसद के शीतकालीन सत्र में बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी को आधिकारिक भाषा बनवाने पर बीजेपी और कांग्रेस नेता के बीच बहस हो गई।

Video: Hindi in United Nations: Sushma Swaraj and Shashi Tharoor Face OFF in Lok Sabha | वीडियो: हिन्दी को लेकर लोक सभा में भिड़े सुषमा स्वराज और शशि थरूर

वीडियो: हिन्दी को लेकर लोक सभा में भिड़े सुषमा स्वराज और शशि थरूर

संयुक्त राष्ट्र में हिंदी को अधिकारिक भाषा बनाने के मुद्दे पर लोकसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और कांग्रेस नेता शशि थरूर के बीच तीखी नोक-झोंक हो गई। थरूर ने इसकी जरूरत पर सवाल उठाए, वहीं मंत्री ने अपने जवाब में उन्हें 'अज्ञानी (इग्नोरेंट)' कहा। सुषमा स्वराज ने एक सवाल के जवाब में कहा, "यह प्राय: पूछा जाता है कि संयुक्त राष्ट्र में हिंदी एक अधिकारिक भाषा क्यों नहीं है। आज, मैं सदन से कहना चाहूंगी कि इसके लिए सबसे बड़ी समस्या नियम है।"

मंत्री ने बताया कि नियम के अनुसार, "संगठन के 193 सदस्य देशों के दो तिहाई सदस्यों यानी 129 देशों को हिंदी को अधिकारिक भाषा बनाने के पक्ष में वोट करना होगा और इसकी प्रक्रिया के लिए वित्तीय लागत भी साझा करने होंगे।" 
उन्होंने कहा, "इसके संबंध में मतदान के अलावा, देशों के ऊपर राशि का अतिरिक्त भार भी है। हमें समर्थन करने वाले आर्थिक रूप से कमजोर देश इस प्रक्रिया से दूर भागते हैं। हम इस पर काम कर रहे हैं, हम फिजी, मॉरिशस, सुरीनाम जैसे देशों से समर्थन लेने की कोशिश कर रहे हैं, जहां भारतीय मूल के लोग रहते हैं।"

उन्होंने कहा, "जब हमें इस तरह का समर्थन मिलेगा और वे लोग वित्तीय बोझ को भी सहने के लिए तैयार होंगे, यह अधिकारिक भाषा बन जाएगी।" मंत्री ने कहा कि सरकार संयुक्त राष्ट्र में हिंदी को अधिकारिक भाषा बनाने के लिए किसी भी तरह की राशि खर्च करने के लिए तैयार है लेकिन राशि खर्च करने से उद्देश्य की प्राप्ति नहीं होगी।

सुषमा स्वराज ने इस बात की ओर भी इशारा किया कि उन्होंने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में भाषण दिया था। स्वराज ने कहा, "जब हमारे यहां विदेशी मेहमान आते हैं, और अगर वह अंग्रेजी में बोलते हैं तो हम भी अंग्रेजी में बोलते हैं। अगर वह अपनी भाषा में बोलते हैं, तो हम हिंदी में बोलते हैं। जहां तक भाषा की गरिमा का सवाल है, विदेश मंत्रालय ने अबतक हिंदी में ज्यादा काम नहीं किया है।"

संयुक्त राष्ट्र में काम कर चुके और संयुक्त राष्ट्र महासचिव पद के लिए वर्ष 2006 में हुए चुनाव में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले थरूर ने हिंदी को आगे बढ़ाने पर सवाल उठाए और कहा कि हिंदी भारत की राष्ट्रीय भाषा भी नहीं है। उन्होंने कहा, "हिंदी राष्ट्रीय भाषा नहीं हैं, यह अधिकारिक भाषा है। हिंदी को आगे बढ़ाने पर एक महत्वपूर्ण प्रश्न उभरता है। हमें संयुक्त राष्ट्र में अधिकारिक भाषा की क्या जरूरत है? अरबी, हिंदी से ज्यादा नहीं बोली जाती है, लेकिन यह 22 देशों में बोली जाती है। हिंदी केवल एक देश(हमारे देश) की आधिकारिक भाषा के तौर पर प्रयोग किया जाता है।"

थरूर ने कहा, "प्रश्न यह है कि इससे क्या प्राप्त होगा। अगर इसकी जरूरत है तो हमारे पास प्रधानमंत्री या विदेश मंत्री हैं, जो हिंदी में बोलना पसंद करते हैं, वे ऐसा करते हैं और उनके भाषण को अनुवाद करने के लिए राशि अदा कर सकते हैं। आने वाले समय में हो सकता है कि भविष्य के प्रधानमंत्री या विदेश मंत्री तमिलनाडु से हो।"

उन्होंने कहा, "सरकार को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी है। मैं हिंदी भाषी क्षेत्र के लोगों के गर्व को समझ सकता हूं, लेकिन इस देश के लोग जो हिंदी नहीं बोलते हैं, वह भी भारतीय होने पर गर्व महसूस करते हैं।" थरूर के बयान पर सत्ता पक्ष ने विरोध किया। सुषमा स्वराज ने थरूर के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा, "हिंदी को कई देशों में भारतीय प्रवासी भी बोलते हैं। यह कहना कि हिंदी केवल भारत में बोली जाती है, यह आपकी 'अज्ञानता' है।" उन्होंने अपने लिखित जवाब में कहा कि भारत हिंदी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा बनाने के लिए 129 देशों के संपर्क में है।

देखें लोक सभा में शशि थरूर और सुषमा स्वराज के बीच हुई नोकझोंक-

https://www.youtube.com/watch?v=HozqzN26lLg

Web Title: Video: Hindi in United Nations: Sushma Swaraj and Shashi Tharoor Face OFF in Lok Sabha

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