विजय दिवसः राजनाथ ने कहा, सशस्त्र बलों की अदम्य वीरता और साहस को राष्ट्र सलाम करता है
By भाषा | Published: December 16, 2019 01:17 PM2019-12-16T13:17:38+5:302019-12-16T13:17:38+5:30
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘आज विजय दिवस के मौके पर भारतीय सशस्त्र बलों की अदम्य वीरता और साहस को राष्ट्र सलाम करता है। देश की हर स्थिति में रक्षा करने वाले हमारे सशस्त्र बलों पर हमें गर्व है। हम उनके बलिदान और सेवा को कभी नहीं भूलेंगे।’’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में देश को जीत दिलाने वाले सैन्य बलों की वीरता और साहस को सलाम करते हुए सोमवार को विजय दिवस के मौके पर कहा कि उनके बलिदान और सेवा को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘ आज विजय दिवस के मौके पर भारतीय सशस्त्र बलों की अदम्य वीरता और साहस को राष्ट्र सलाम करता है। देश की हर स्थिति में रक्षा करने वाले हमारे सशस्त्र बलों पर हमें गर्व है। हम उनके बलिदान और सेवा को कभी नहीं भूलेंगे।’’
On the occasion of Vijay Diwas today the nation salutes the indomitable courage and valour of India’s armed forces.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) December 16, 2019
We are proud of our Armed Forces who have defended our country in every situation. We will never forget their sacrifice and service.
वर्ष 1971 में आज ही के दिन 90,000 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय बलों के आगे आत्मसमर्पण कर दिया था। इसके साथ ही भीषण लड़ाई का अंत हो गया था। हर साल 16 दिसम्बर को विजय दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस युद्ध के अंत के बाद बांग्लादेश अस्तित्व में आया था।
हमारी सेना ने जो इतिहास रचा, वह सदा स्वर्णाक्षरों में अंकित रहेगा: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में भारत को जीत दिलाने वाले सैन्य बलों की सोमवार को विजय दिवस पर प्रशंसा की और कहा कि सेना ने जो इतिहास रचा है वह स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा। वर्ष 1971 में आज के दिन 90,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों के आगे आत्मसमर्पण कर दिया था।
इसके साथ ही भीषण लड़ाई का अंत हो गया था। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘विजय दिवस पर भारतीय सैनिकों के साहस, शौर्य और पराक्रम को नमन करता हूं। 1971 में आज के दिन हमारी सेना ने जो इतिहास रचा, वह सदा स्वर्णाक्षरों में अंकित रहेगा।’’