उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू रविवार को जैसलमेर पहुंचे

By भाषा | Published: September 26, 2021 08:30 PM2021-09-26T20:30:59+5:302021-09-26T20:30:59+5:30

Vice President Venkaiah Naidu reached Jaisalmer on Sunday | उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू रविवार को जैसलमेर पहुंचे

उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू रविवार को जैसलमेर पहुंचे

जैसलमेर (राजस्थान), 26 सितंबर उप राष्ट्रपति वेंकेया नायडू रविवार को अपनी पांच दिवसीय राजस्थान यात्रा पर जैसलमेर पहुंचे। यहां वह भारत-पाक सीमा के पास स्थित प्रसिद्ध तनोट माता मंदिर और लोंगेवाला संग्रहालय गए।

नायडू जैसलमेर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट स्थित प्रसिद्ध लोंगेवाला युद्ध स्थल गए और 1971 भारत पाकिस्तान युद्ध की उस निर्णायक लड़ाई में भारतीय सैनिकों के अदम्य पराक्रम को याद किया।

उपराष्ट्रपति अपनी पांच दिवसीय राजस्थान यात्रा पर रविवार को जैसलमेर पहुंचे। उन्होंने अपनी इस यात्रा की शुरुआत प्रसिद्ध तनोट माता के मंदिर के दर्शन से की।

मंदिर में उपराष्ट्रपति ने अपनी पत्नी उषा नायडू के साथ तनोट माता की पूजा अर्चना की। इस अवसर पर उन्होंने तनोट स्थित विजय स्तंभ पर वीर सैनिकों की स्मृति में फूलमाला अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

तनोट माता का मंदिर यहां से 120 किलोमीटर की दूरी पर भारत पाकिस्तान सीमा पर स्थित है। 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा इस पर कई गोले दागे जाने के बाद भी इसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा था।

मंदिर की आगंतुक पुस्तिका में नायडू ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सैनिकों के संकल्प और समर्पण की सराहना की जो थार रेगिस्तान की कठिन परिस्थितियों में भी सीमाओं की रक्षा में तत्पर रहते हैं। इस मंदिर का प्रबंधन सीमा सुरक्षा बल द्वारा किया जाता है।

मंदिर में दर्शन के बाद उपराष्ट्रपति लोंगेवाला युद्ध स्थल पहुंचे जहां मेजर जनरल अजीत सिंह गहलोत ने उन्हें ऐतिहासिक लोंगेवाला युद्ध की जानकारी दी।

उपराष्ट्रपति ने अपने फेसबुक पोस्ट में लोंगेवाला युद्ध स्थल की अपनी यात्रा को जीवन का अविस्मरणीय अवसर बताया। उन्होंने लिखा है, ’’भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट, धूल भरे थार रेगिस्तान में रेत के टीले पर खड़े हो कर उस भीषण युद्ध की गाथा सुनना और हमारे वीर सैनिकों के पराक्रम की कहानियां सुनना, मेरी स्मृति में हमेशा के लिए अंकित हो गया है।’’

अधिकारिक बयान के अनुसार, 1971 की लड़ाई के कारणों पर उपराष्ट्रपति ने लिखा है कि इस युद्ध की शुरुआत पाकिस्तानी सेना द्वारा पूर्वी पाकिस्तान के लोगों पर किए जा रहे बर्बर अत्याचारों और उसके कारण बड़ी संख्या में वहां से शरणार्थियों के भारत पलायन, के कारण की गई। उन्होंने लिखा है कि 13 दिन के उस युद्ध में भारत को निर्णायक जीत हासिल हुई और बांग्लादेश के लोगों को एक दमनकारी शासन से मुक्ति मिली।

भारतीय सेना इस वर्ष को 1971 के भारत-पाक युद्ध के स्वर्ण विजय वर्ष के रूप में मना रही है।

उपराष्ट्रपति शाम को रेत के टीलों को देखने जाएंगे और वहां स्थानीय लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेंगे।

उपराष्ट्रपति के जैसलमेर पहुंचने पर राज्यपाल कलराज मिश्र, प्रदेश सरकार के मंत्री डॉ बुलाकी दास कल्ला, राज्यसभा सदस्य राजेन्द्र गहलोत व अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने उनका स्वागत किया।

तनोट पहुँचने पर उनका स्वागत केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी व सीमा सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया गया तथा लोंगेवाला युद्धस्थल पर सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनकी अगवानी की।

सोमवार को जोधपुर जाने से पूर्व नायडू जैसलमेर में सैनिक सम्मेलन को संबोधित करेंगे। जोधपुर में नायडू कुछ अन्य कार्यक्रमों में शामिल होंगे।

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Web Title: Vice President Venkaiah Naidu reached Jaisalmer on Sunday

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