उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू ने आज अपने घर पर सभी दलों के नेताओं से मुलाकात के दौरान इस बात पर नाराजगी जाहिर की कि प्रदूषण को लेकर बुलाई गई संसदीय समिति की बैठक में उपस्थिति को लेकर सांसदों में उदासीनता है. उन्होंने सभी दलों के प्रमुख नेताओं को कहा कि वह सुनिश्चित करें कि उनके दल के सांसद और प्रतिनिधि संसदीय समिति की बैठक में उपस्थित हो.
सांसदों की अनुपस्थिति से न किसी विषय की समीक्षा हो पाएगी और न ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकेगा. इससे समाधान भी हासिल नहीं होगा. सूत्रों के मुताबिक, उपराष्ट्रपति ने कल से शुरू हो रहे संसद के शीत सत्र से पहले सभी दलों के प्रमुख नेताओं से मिलकर यह जानने का प्रयास किया कि संसद के समक्ष इस समय क्या महत्वपूर्ण मसले हैं. खासकर राज्यसभा के निर्बाध संचालन के लिए भी उन्होंने सदस्यों से सहयोग की अपेक्षा जाहिर की.
उन्होंने सभी दलों के प्रमुख नेताओं को कहा कि अगर प्रदूषण जैसे मसले पर, जिसमें दिल्ली में सांस लेने में भी समस्या हो रही है, भी हम उदासीन और बेपरवाह रहेंगे तो यह उचित नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि इस मसले पर राजनीति भी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्यसभा में सांसदों को जनिहत के मुद्दों पर राजनीति से परे, मिलकर आगे आना होगा. उन्होंने सदन के 250 सत्र होने पर कई विशेष कदम उठाने की जानकारी भी दी.
राज्यसभा के आगामी कार्यक्रम
- राज्यसभा के गठन से लेकर अब तक के सफर पर किताब का लोकार्पण.- पहले सत्र में राजनीति में राज्यसभा की भूमिका पर एक परिचर्चा.- वर्तमान-पूर्व सांसदों द्वारा लिखे 44 लेख वाला विशेष प्रकाशन.- 250वें सत्र के प्रतीक व संस्मरण के रूप में 250 रुपए के चांदी के सिक्का का लोकार्पण. 5 रुपए का डाक टिकट जारी होगा.- संविधान अपनाने के 70वें वर्ष पर 26 नवंबर को लोकसभा-राज्यसभा संयुक्त बैठक.