नई दिल्ली: विपक्षी दल की उप-राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने शनिवार को विपक्ष के मतभेद को पारिवारिक झगड़ा बताया है। उन्होंने कहा कि वे 2024 की चुनौती के लिए एकजुट होने का प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही, अल्वा ने यह भी कहा कि वह तृणमूल कांग्रेस के उप-राष्ट्रपति चुनाव से दूर रहने के फैसले पर "हैरान" हैं क्योंकि पार्टी की प्रमुख ममता बनर्जी विपक्ष को एकजुट करने के लिए आंदोलन का नेतृत्व कर रही हैं।
भाजपा को जीतने में मदद करने का कोई तरीका नहीं है। टीएमसी के उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहने के ऐलान पर अल्वा ने कहा कि पश्चिम बंगाल की सीएम काफी समय से उनकी दोस्त रही हैं। उनके पास अपना विचार बदलने के लिए पर्याप्त समय है।
वहीं विपक्षी दलों में उपजे मतभेद को लेकर अल्वा ने कहा कि विपक्ष स्पष्ट था कि वह एक दलीय शासन नहीं चाहता है और संविधान की रक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि विपक्ष चाहता है कि देश में लोकतांत्रिक संस्थानों की रक्षा की जानी चाहिए। बता दें असंगठित विपक्ष को लेकर 80 वर्षीय अल्वा 6 अगस्त को उपराष्ट्रपति चुनाव में एक कठिन कार्य का सामना कर रही है। अल्वा सत्तारूढ़ एनडीए के जगदीप धनखड़ के खिलाफ मैदान में हैं।
इस दौरान उन्होंने एनडीए उम्मीदवार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मार्गरेट अल्वा ने जगदीप धनखड़ के राज्यपाल के रूप में कार्यकाल को लेकर कहा कि राजभवन में रहते हुए किसी पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करना अनैतिक, असंवैधानिक है।
पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में, पूर्व राज्यपाल ने कहा कि आज की लोकतांत्रिक व्यवस्था की "त्रासदी" यह है कि लोगों का जनादेश प्रबल नहीं होता है और बाहुबल, धन बल और धमकियां निर्वाचित ढांचे की संरचना को बदल देती हैं। वंशवाद की राजनीति पर अल्वा ने कहा कि राजनेताओं के बच्चों के आने में कुछ भी गलत नहीं है लेकिन उन्हें चुनाव और लोगों का विश्वास जीतना है।