'बुलबुल के पंख पर बैठकर पूरा भारत घूमते थे वीर सावरकर,' कर्नाटक के 8वीं कक्षा की किताब में दावा

By आजाद खान | Published: August 29, 2022 08:48 AM2022-08-29T08:48:46+5:302022-08-29T09:33:51+5:30

गौरतलब है कि कर्नाटक के कक्षा 8वीं के किताब में हाल में ही संशोधन किया गया है। इस संशोधन के बाद सावरकर के जीवन से जुड़ा एक नया अध्याय को जोड़ा गया है।

Veer Savarkar used to roam all over India sitting on Bulbul bird wing claims 8th class book from Karnataka bjp | 'बुलबुल के पंख पर बैठकर पूरा भारत घूमते थे वीर सावरकर,' कर्नाटक के 8वीं कक्षा की किताब में दावा

फोटो सोर्स: Wikipedia CC (Both)

Highlightsकर्नाटक की स्कूली किताब में जुड़े एक नए अध्याय को लेकर आजकल काफी चर्चा हो रही है। इसमें वीर सावरकर के उस समय का जिक्र है जब वे अंडमान निकोबार द्वीप के जेल में बन्द थे। किताब के अंश में बताया गया है कि सावरकर उस समय बुलबुल पर बैठकर पूरे देश में घूमते थे।

बेंगलुरु: कर्नाटक के कक्षा 8वीं के किताब में वीर दामोदर सावरकर को जिस तरीके से पेश किया गया है ऐसे में उसके अध्याय का एक अंश सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस किताब के अंश में बताया गया है कि जब सावरकर जेल में बन्द थे तब वे एक बुलबुल पर बैठकर पूरे देश का भ्रमण करते थे। 

आपको बता दें कि राज्य की भाजपा सरकार ने हाल में ही एक कक्षा 8वीं के सिलेबस में संशोधन किया था जिसके बाद सावरकर के जीवन से जुड़ा एक नया अध्याय जोड़ा गया है। ऐसे में इस अंश को लेकर अब देश में चर्चा हो रही है। 

क्या है पूरा मामला

आपको बता दें कि कक्षा 8वीं के सिलेबस एक नया अध्याय जोड़ा गया है। किताब में यह लिखा हुआ है कि जब सावरकर अंडमान निकोबार द्वीप के जेल में बन्द थे, तब वे एक बुलबुल (पक्षी) के पंख पर बैठकर पूरा देश घूमते थे। इससे पहले यह सिलेबस में नहीं था। इस अध्याय को संशोधन के बाद इस अंश को शामिल किया गया है। 

इस किताब में नए संशोधन की जिम्मेदारी रोहित चक्रतीर्थ को दी गई थी जिसे रिवीजन कमेटी को सौंपी गई थी। लेकिन अब यह कमेटी नहीं है और इसे भंग कर दिया गया है। ऐसे में किताब के इस अंश को लेकर सवाल खड़े हो रहे है और यह अब सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है। 

क्या लिखा है किताब में

सावरकर को लेकर कक्षा 8वीं के इस किताब में लिखा हुआ है, "सावरकर को जेल में जिस कमरे में रखा गया था, उसमें रोशनी अंदर आने के लिए एक छोटा-सा कीहोल भी नहीं था। हालांकि, उस कमरे में बुलबुल पक्षी कहीं से आ जाते थे। जिनके पंखों पर बैठकर सावरकर रोजाना अपने देश का भ्रमण करते थे।"

गौरतलब है कि इस नए अध्याय को पद्यांश केटी गट्टी के एक यात्रा वृत्तांत से लिया गया है। बताया जाता है कि केटी गट्टी 1911 से 1924 के बीच अंडमान निकोबार द्वीप के उस जेल में गए थे, जहां पर सावरकर बन्द थे। 

ऐसे में इस अध्याय में केटी गट्टी द्वारा लिखी गई 'कलावनु गेद्दावारु' को शामिल की गई है। इससे पहले विजयमाला रंगनाथ द्वारा 'ब्लड ग्रुप' अध्याय में शामिल था। 

Web Title: Veer Savarkar used to roam all over India sitting on Bulbul bird wing claims 8th class book from Karnataka bjp

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