मुफ्तखोरी की संस्कृति को खत्म करने वाले प्रस्ताव पर बोले वरुण गांधी- क्यों न शुरुआत सांसदों को मिलने वाली सुविधाओं से की जाए?
By मनाली रस्तोगी | Updated: August 3, 2022 13:24 IST2022-08-03T13:12:34+5:302022-08-03T13:24:37+5:30
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने 'देश में राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त उपहार देने की प्रथा पर अंकुश लगाने' के लिए शून्यकाल नोटिस दिया। ऐसे में वरुण गांधी ने मुफ्तखोरी की संस्कृति पर ट्वीट करते हुए कहा कि क्यों न चर्चा की शुरुआत सांसदों को मिलने वाली पेंशन समेत अन्य सभी सुविधाएं खत्म करने से हो?

मुफ्तखोरी की संस्कृति को खत्म करने वाले प्रस्ताव पर बोले वरुण गांधी- क्यों न शुरुआत सांसदों को मिलने वाली सुविधाओं से की जाए?
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी अक्सर अपनी सरकार को घेरते हुए नजर आते हैं। आए दिन वो किसी न किसी मुद्दे को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हैं। इसी क्रम में बुधवार को एक बार फिर वरुण गांधी ने अपनी पार्टी की सरकार को घेरा। दरअसल, भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने 'देश में राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त उपहार देने की प्रथा पर अंकुश लगाने' के लिए शून्यकाल नोटिस दिया।
श्री सुशील मोदी ने आज सदन में ‘मुफ्तखोरी की संस्कृति’ खत्म करने पर चर्चा का प्रस्ताव रखा है।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) August 3, 2022
पर जनता को मिलने वाली राहत पर उँगली उठाने से पहले हमें अपने गिरेबाँ में जरूर झांक लेना चाहिए।
क्यूँ न चर्चा की शुरूआत सांसदों को मिलने वाली पेंशन समेत अन्य सभी सुविधाएँ खत्म करने से हो? https://t.co/msiSeWkvy8
इसी क्रम में वरुण गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, "श्री सुशील मोदी ने आज सदन में 'मुफ्तखोरी की संस्कृति' खत्म करने पर चर्चा का प्रस्ताव रखा है। पर जनता को मिलने वाली राहत पर उंगली उठाने से पहले हमें अपने गिरेबां में जरूर झांक लेना चाहिए। क्यों न चर्चा की शुरुआत सांसदों को मिलने वाली पेंशन समेत अन्य सभी सुविधाएं खत्म करने से हो?"
पिछले पांच सालों में 4.13 Cr लोग LPG की सिंगल रीफ़िल का खर्च नहीं उठा सके, जबकि 7.67 Cr ने इसे केवल एक बार रीफ़िल किया।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) August 3, 2022
घरेलू गैस की बढ़ती कीमतें और नगण्य सब्सिडी के साथ गरीबों के 'उज्जवला के चूल्हे'
बुझ रहे हैं।
“स्वच्छ ईंधन, बेहतर जीवन” देने के वादे क्या ऐसे पूरे होंगे? pic.twitter.com/Bp4w2p2KLa
बता दें कि इससे पहले गांधी ने घरेलू गैस की बढ़ती कीमत को लेकर भी सरकार पर निशाना साधता था। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "पिछले पांच सालों में 4.13 करोड़ लोग एलपीजी की सिंगल रीफिल का खर्च नहीं उठा सके, जबकि 7.67 करोड़ ने इसे केवल एक बार रीफिल किया। घरेलू गैस की बढ़ती कीमतें और नगण्य सब्सिडी के साथ गरीबों के 'उज्जवला के चूल्हे' बुझ रहे हैं। "स्वच्छ ईंधन, बेहतर जीवन" देने के वादे क्या ऐसे पूरे होंगे?"