वरवर राव को 25 सितंबर तक आत्मसमर्पण की जरूरत नहीं : अदालत

By भाषा | Updated: September 6, 2021 17:26 IST2021-09-06T17:26:41+5:302021-09-06T17:26:41+5:30

Varavara Rao need not surrender till Sept 25: Court | वरवर राव को 25 सितंबर तक आत्मसमर्पण की जरूरत नहीं : अदालत

वरवर राव को 25 सितंबर तक आत्मसमर्पण की जरूरत नहीं : अदालत

मुंबई, छह सितंबर बंबई उच्च न्यायालय ने एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में आरोपी कवि-कार्यकर्ता वरवर राव की अंतरिम जमानत विस्तार की याचिका पर सुनवाई 24 सितंबर तक स्थगित करते हुए सोमवार को कहा कि राव को 25 सितंबर तक तलोजा जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण की जरूरत नहीं है।

मामले में जांच कर रहे राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने चिकित्सा आधार पर जमानत बढ़ाने तथा मुंबई से हैदराबाद भेजे जाने की राव की अपील का विरोध किया और कहा कि उनकी मेडिकल रिपोर्ट में ऐसा संकेत नहीं है कि वह किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं।

राव (82) को इस साल 22 फरवरी को चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दी गयी थी। उन्हें आत्मसमर्पण करना था और पांच सितंबर को न्यायिक हिरासत में लौटना था।

पिछले सप्ताह राव ने अपने वकील आर सत्यनारायणन और वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर के माध्यम से जमानत बढ़ाने का अनुरोध करते हुए आवेदन दाखिल किया था। राव ने अनुरोध किया था कि जमानत पर उन्हें अपने गृहनगर हैदराबाद में रहने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि मुंबई में रहने और स्वास्थ्य सुविधाओं का खर्च बहुत ज्यादा है।

एनआईए ने सोमवार को अदालत में दायर हलफनामे में कहा, ‘‘आवेदक की मेडिकल रिपोर्ट में ऐसी किसी बड़ी बीमारी के बारे में नहीं बताया गया जिससे उन्हें इलाज के लिए हैदराबाद जाने की जरूरत हो। ना ही इसमें जमानत आगे बढ़ाने का कोई आधार है।’’

एनआईएन ने हलफनामे में कहा कि नवी मुंबई में स्थित तलोजा जेल में पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं हैं और राव को वहां अच्छे से अच्छी चिकित्सा सुविधाएं मिल सकती हैं।

एजेंसी ने यह भी कहा कि राव की जमानत नहीं बढ़ाई जानी चाहिए और उन्हें हैदराबाद जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि वह ‘गंभीर’ अपराध के आरोपी हैं।

हलफनामे के मुताबिक, ‘‘वे अदालतों से यह अपेक्षा नहीं कर सकते कि उनकी सुविधा के हिसाब से आदेश पारित किये जाएं, खासतौर पर उस समय जब आरोपी ने प्रथमदृष्टया गंभीर प्रकृति का अपराध किया हो।’’

अदालत द्वारा अंतरिम जमानत के लिए लागू सख्त शर्तों के तहत राव मुंबई में किराये के एक घर में अपनी पत्नी के साथ रह रहे हैं। जब उन्हें जमानत दी गयी थी तब उनका यहां नानावती अस्पताल में कई बीमारियों का इलाज चल रहा था। जेल अधिकारियों ने अदालत के हस्तक्षेप पर उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया था।

सोमवार को, ग्रोवर ने न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जामदार की पीठ से कहा कि इस साल फरवरी में नानावती अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद राव को तीन और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो गयी हैं।

एनआईए के वकील, अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल अनिल सिंह ने अदालत से कहा कि केंद्रीय एजेंसी ने राव की अर्जी का विरोध करते हुए ‘विस्तृत हलफनामा’ दाखिल किया था।

हालांकि पीठ ने कहा कि उसे एक प्रशासनिक बैठक में भाग लेना है और मामले में आगे दलीलें नहीं सुन सकती।

तब ग्रोवर ने अदालत से आग्रह किया कि राव के आत्मसमर्पण करने की तारीख सुनवाई की अगली तारीख तक बढ़ा दी जाए।

अदालत ने सहमति जताई और कहा कि राव को 25 सितंबर तक आत्मसमर्पण करने की जरूरत नहीं है, लेकिन तब तक वह जमानत की शर्तों का पालन करते रहेंगे जिनमें मुंबई एनआईए अदालत के न्यायक्षेत्र में रहना शामिल है।

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Web Title: Varavara Rao need not surrender till Sept 25: Court

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