वाराणसी: विहिप और बजरंग दल के दो कार्यकर्ता गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा, गंगा घाटों पर गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर पाबंदी वाला पोस्टर लगाया था

By विशाल कुमार | Published: January 9, 2022 12:06 PM2022-01-09T12:06:30+5:302022-01-09T12:07:09+5:30

6 जनवरी को विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने घाटों पर गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने वाले कई पोस्टर चिपकाए। पोस्टरों में संदेश था कि जो लोग गंगा के घाटों को पिकनिक स्पॉट मानते हैं, उन्हें मां गंगा के घाटों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि यह सनातन संस्कृति का प्रतीक है।

varanasi-two-held-later-released-for-only-hindus-posters-on-ghats | वाराणसी: विहिप और बजरंग दल के दो कार्यकर्ता गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा, गंगा घाटों पर गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर पाबंदी वाला पोस्टर लगाया था

वाराणसी: विहिप और बजरंग दल के दो कार्यकर्ता गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा, गंगा घाटों पर गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर पाबंदी वाला पोस्टर लगाया था

Highlightsराजन गुप्ता और निखिल त्रिपाठी को पांच लाख रुपये निची मुचलके को भरने के बाद छोड़ा गया।दोनों के खिलाफ शांति भंग करने के लिए नोटिस जारी किया गया था।पोस्टरों में कहा गया था कि सनातन धर्म का सम्मान करने वालों का वे स्वागत करते हैं।

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गंगा घाट पर गैर हिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित लिखा हुआ पोस्टर लगाने के मामले में पुलिस ने बजरंग दल के दो कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने के बाद छोड़ दिया गया। दोनों आरोपियों राजन गुप्ता और निखिल त्रिपाठी को पांच लाख रुपये निची मुचलके को भरने के बाद छोड़ा गया।

पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश ने कहा कि घाटों पर पोस्टर लगाते हुए देखे गए दोनों व्यक्तियों के खिलाफ शांति भंग करने के लिए सीआरपीसी की धारा 107/16 के तहत नोटिस जारी किया गया था। दोनों को पुलिस लाइन में एसीपी कोर्ट लाया गया, जहां उन्होंने पांच-पांच लाख रुपये के निजी मुचलके जमा किए, जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया।

बता दें कि, 6 जनवरी को विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने घाटों पर गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने वाले कई पोस्टर चिपकाए। पोस्टरों में संदेश था कि जो लोग गंगा के घाटों को पिकनिक स्पॉट मानते हैं, उन्हें मां गंगा के घाटों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि यह सनातन संस्कृति का प्रतीक है।

पोस्टरों में कहा गया था कि सनातन धर्म का सम्मान करने वालों का वे स्वागत करते हैं। इन पोस्टरों का कांग्रेस नेताओं और सहज संस्कृति मंच सहित कई समूहों ने विरोध किया था। उन्होंने इसे सांप्रदायिक सद्भाव और शांति भंग करने के लिए एक प्रयास करार दिया।

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