वाइको ने प्रधानमंत्री से मछुआरों की नौकाओं को मुक्त कराने की अपील की

By भाषा | Published: November 9, 2020 07:22 PM2020-11-09T19:22:48+5:302020-11-09T19:22:48+5:30

Vaiko appealed to the Prime Minister to free the fishermen's boats | वाइको ने प्रधानमंत्री से मछुआरों की नौकाओं को मुक्त कराने की अपील की

वाइको ने प्रधानमंत्री से मछुआरों की नौकाओं को मुक्त कराने की अपील की

चेन्नई, नौ नवंबर द्रमुक और एमडीएमके सहित विपक्षी दलों ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की कि तमिलनाडु के मछुआरों की सौ से अधिक जब्त नौकाओं को श्रीलंका से मुक्त कराने के लिए कदम उठाएं या उन्हें मुआवजा दिलाना सुनिश्चित करें।

भाकपा और अन्नाद्रमुक की सहयोगी डीएमडीके ने भी केंद्र सरकार से आग्रह किया कि नौकाओं को तुरंत मुक्त कराया जाए।

द्रमुक सांसद कनिमोई ने कहा कि लंका की एक अदालत ने फैसला दिया है कि नौकाओं को या तो ‘‘नष्ट कर दिया जाए या नीलामी की जाए’’ जो मछुआरों के आजीविका का स्रोत हैं।

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘विदेश मंत्रालय को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि श्रीलंका की सरकार तमिलों की नौकाओं को लौटा दे।’’

कनिमोई ने आरोप लगाए कि तमिलनाडु के मछुआरों को श्रीलंका की नौसेना के हमलों का लगातार सामना करना पड़ रहा है और वे मछली मारने वाले सामान और नौकाएं खोते जा रहे हैं।

रामेश्वरम के अधिकारियों ने प्राप्त सूचना के हवाले से रविवार को कहा कि श्रीलंका में जाफना की एक अदालत ने अधिकारियों को अनुमति दी है कि पिछले तीन-चार वर्षों में जब्त मछली मारने वाली कई भारतीय नौकाओं को नष्ट कर दिया जाए। इन नौकाओं को कथित तौर पर द्वीपीय देश के जलक्षेत्र में प्रवेश के लिए जब्त किया गया था।

वाइको ने खबरों का हवाला देते हुए कहा कि श्रीलंका की एक अदालत ने आदेश दिया है कि मछुआरों से जब्त 121 नौकाओं को ‘नष्ट कर दिया जाए’। उन्होंने कहा कि यह निराशाजनक है।

राज्यसभा सदस्य वाइको ने मोदी को लिखे पत्र में कहा कि 100 से अधिक नौकाओं में से 88 नौकाएं रामेश्वरम के मछुआरों की हैं।

वाइको ने पत्र में कहा, ‘‘भारत सरकार को इस मुद्दे को श्रीलंका की सरकार के समक्ष उठाना चाहिए कि वह या तो नौकाओं को लौटाए या तमिलनाडु के नौका मालिकों को उचित मुआवजा दे। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि इस संबंध में तुरंत प्रभावी कदम उठाएं।’’

उन्होंने कहा कि मशीन से चलने वाली एक नौका की कीमत 25 लाख रुपये से 40 लाख रुपये के बीच होती है और मछुआरे उन्हें खरीदने के लिए ऋण लेते हैं और अब भी वे भारी ब्याज चुका रहे हैं।

एमडीएमके नेता ने इस मुद्दे पर 2015-16 में मोदी से की गई मुलाकात को भी याद किया।

भाकपा के राज्य सचिव आर. मुथारासन ने कहा कि नौकाओं को नष्ट करने का अदालत का फैसला जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है।

वह चाहते हैं कि भारत सरकार श्रीलंका के साथ अच्छे संबंधों का इस्तेमाल कर नौकाओं को मुक्त कराए।

देसीय मुरपोक्कू द्रविड़ कझगम (डीएमडीके) के प्रमुख विजयकांत ने कहा कि ‘अदालत का आदेश’ निराशाजनक है और यह ‘‘भारत और श्रीलंका के बीच दोस्ती को लेकर प्रश्न चिह्न खड़ा करेगा।’’

उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि द्वीपीय देश से नौकाएं वापस लेने के लिए वह कदम उठाए।

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Web Title: Vaiko appealed to the Prime Minister to free the fishermen's boats

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