Uttarkashi Tunnel Rescue: "मजदूरों का बाहर आना अच्छी बात, लेकिन भविष्य की सभी परियोजनाओं का ऑडिट जरुरी", जयराम रमेश ने कहा..
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 29, 2023 02:54 PM2023-11-29T14:54:52+5:302023-11-29T15:11:32+5:30
उत्तरकाशी सिलक्यारा सुरंग से बाहर श्रमिकों का बाहर निकलने को लेकर कांग्रेस महासचिव ने कहा अच्छी बात है। लेकिन, अब भविष्य में निर्धिारित सभी परियोजनाओं का ऑडिट जरुरी है। उन्होंने कहा, इस क्षेत्र में सिविल निर्माण और अन्य परियोजनाओं की योजना, डिजाइन और कार्यान्वयन के मामले में पर्यावरण मूल्यांकन प्रक्रिया की विफलता भी सामने आई है।
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फाइल फोटो
Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग से मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाले जाने के बाद बुधवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि ऐसी सभी परियोजनाओं का ऑडिट कराया जाना चाहिए जिनका क्रियान्वयन जारी है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि हिमालयी क्षेत्र में भविष्य की सभी परियोजनाओं को रोक कर, उन्हें पेशेवर पारिस्थितिकी जांच के अंतर्गत लाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘इस क्षेत्र में सिविल निर्माण और अन्य परियोजनाओं की योजना, डिजाइन और कार्यान्वयन के मामले में पर्यावरण मूल्यांकन प्रक्रिया की विफलता भी सामने आई है। उदाहरण के लिए, चार धाम परियोजना में जिसमें सुरंग एक हिस्सा ढह गया था। निर्माण कार्यों को इस तरह से आवंटित किया गया ताकि पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन से पूरी तरह बचा जा सके! सुरंग पर व्यापक रूप से स्वीकृत सुरक्षा सुविधाएं नहीं होने पर रिपोर्ट्स आई हैं।’’
सिलक्यारा सुरंग में करीब 17 दिन तक फंसे रहे सभी 41 श्रमिकों को कई एजेंसियों के संयुक्त बचाव अभियान के तहत मंगलवार को सकुशल बाहर निकाल लिया गया। इसे लेकर रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा, ‘‘सिलक्यारा सुरंग से बचाए गए श्रमिकों को सलाम करते हुए और पूरी बचाव टीम की सराहना करते हुए हमें सुरंग के ढहने से उठे कुछ बड़े सवालों पर भी विचार करना चाहिए। इस घटना ने पश्चिमी हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र की संवेदनशीलता और जटिलता को पूरी स्पष्टता के साथ हमारे सामने ला दिया है।’’
सिलक्यारा सुरंग से बचाए गए श्रमिकों को सलाम करते हुए और पूरी बचाव टीम की सराहना करते हुए — विशेष रूप से बारह 'रैट-होल' माइनर्स की, जिन्होंने कौशल और साहस दोनों का शानदार प्रदर्शन किया, और जो निश्चित रूप से अपने काम के लिए अधिक उपयुक्त नाम के हकदार हैं — हमें सुरंग के ढहने से उठे… https://t.co/fyFVogPSoi
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) November 29, 2023
पूर्व पर्यावरण मंत्री रमेश के अनुसार, 41 श्रमिकों को 17 दिनों तक जिस सदमे से गुजरना पड़ा है, उससे हमें थोड़ा रुक कर सोचना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘वैसी सभी परियोजनाएं जिनका क्रियान्वयन जारी है, उनका ऑडिट किया जाना चाहिए और हिमालयी क्षेत्र में भविष्य की सभी परियोजनाओं को रोक कर उन्हें पेशेवर पारिस्थितिकी जांच के अंतर्गत लाना चाहिए। ’’
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘एक दशक पहले उद्घाटन किए गए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के कार्यालय के प्रवेश द्वार पर ये शब्द हैं, प्रकृति रक्षति रक्षितः। यह हमारी सभ्यता की विरासत में अंतर्निहित एक सरल लेकिन बेहद महत्वपूर्ण सिद्धांत है। लेकिन दुख की बात है कि इसका केवल दिखावा किया जा रहा है, जिसका परिणाम हमारे लिए विनाशकारी होगा।’’
17 दिन की कड़ी मेहनत और मशक्कत के बाद उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को निकाला जा रहा है।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) November 28, 2023
पूरा देश श्रमिकों के अद्भुत धैर्य और साहस को सलाम करता है।
राष्ट्र पूरी बचाव टीम के समर्पण, कौशल और दृढ़ता की भी सराहना करता है और उन्हें दिल से धन्यवाद देता है।