उत्तराखंड: जोशीमठ में भारी बर्फबारी बनी मुसीबत, इमारतों के ध्वस्तीकरण का काम रूका

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 20, 2023 15:06 IST2023-01-20T15:06:19+5:302023-01-20T15:06:19+5:30

शुक्रवार को जोशीमठ में बर्फबारी के कारण स्थिति और गंभीर हो गई है। इलाके में भारी बर्फबारी के कारण दिक्कते बढ़ गई है और मकानों के ध्वस्तीकरण का काम रुक गया है। 

Uttarakhand work of demolitionin Joshimath was stopped due to snowfall | उत्तराखंड: जोशीमठ में भारी बर्फबारी बनी मुसीबत, इमारतों के ध्वस्तीकरण का काम रूका

(photo credit: ANI twitter)

Highlightsजोशीमठ में भू-धंसाव के बीच सीजन की पहली बर्फबारी हुई है।शुक्रवार को जोशीमठ में हुई बर्फबारी के कारण इमारतों के ध्वस्तीकरण का काम रुक गया है।ऐसे में बर्फबारी के कारण मकानों को गिराने के काम में काफी मुश्किले आ रही है।

जोशीमठ: भू-धंसाव के संकट से जूझ रहा उत्तराखंड के शहर जोशीमठ में शुक्रवार को सीजन की पहली बर्फबारी देखने को मिली है। जोशीमठ में भू-धंसाव के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार हजारों लोगों को इलाके से राहत शिविरों में विस्थापित कर चुकी है और बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई इमारतों के ध्वस्तिकरण के कार्य करवा रही है। 

मगर शुक्रवार को जोशीमठ में बर्फबारी के कारण स्थिति और गंभीर हो गई है। इलाके में भारी बर्फबारी के कारण दिक्कते बढ़ गई है और मकानों के ध्वस्तीकरण का काम रुक गया है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में जोशीमठ, पिथौरागढ़ और चमोली में बारिश और बर्फबारी की भी संभावना जताई है। 

राहत शिविरों में लोगों को दी जा रही सभी सुविधाएं

जोशीमठ संकट पर बात करते हुए चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि जोशीमठ से विस्थापित हुए लोग जो राहत शिविरों में रह रहे हैं, उन लोगों के लिए सारी व्यवस्थाएं की गई है। आज हो रही बर्फबारी के कारण मजदूर काम नहीं कर पा रहे हैं इसलिए ध्वस्तीकरण के काम को रोक दिया गया है। ऐसे में बर्फबारी खत्म होने के बाद फिर से ध्वस्तीकरण का काम किया जाएगा। 

कई घरों को गिराने का काम अब भी बाकी

गौरतलब है कि शुक्रवार को बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब, औली, रूद्रनाथ, कलगोठ, डुमक, भेंटी, कनोल, भल्लागांव, ईराणी, जोशीमठ आदि इलाकों में बर्फबारी हो रही है। जोशीमठ और घिंघराण क्षेत्र में पहली बर्फबारी के कारण कड़ाके की ठंड पड़ रही है। लोगों को ठंड से बचाने के लिए जोशीमठ प्रशासन ने जगह-जगह अलाव की व्यवस्था की है।

वहीं, भू-धंसाव के कारण जोशीमठ में कई घरों को असुरक्षित घोषित कर दिया गया है। इन घरों में से 21 इमारतों को अभी तक तोड़ा जा चुका है, जिसमें से दो होटल, लोनिवि का गेस्ट हाउस, जेपी कॉलोनी और तीन आवासीय भवन शामिल हैं। जेपी कॉलोनी में 15 घरों को चिन्हित किया गया है जिसे तोड़ने के लिए खुद जेपी कॉलोनी के लोगों ने प्रशासन से आग्रह किया था। ऐसे में प्रशासन ने उन लोगों को अपना घर तोड़ने की इजाजत दे दी है। 

Web Title: Uttarakhand work of demolitionin Joshimath was stopped due to snowfall

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