Uttarakhand tunnel collapse: "आवाजाही में बाधा डालने वाले स्टील को हटाया गया, रेस्क्यू हुआ आसान", PM के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा

By आकाश चौरसिया | Published: November 23, 2023 10:30 AM2023-11-23T10:30:39+5:302023-11-23T10:56:23+5:30

उत्तरकाशी सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को लेकर चल रहे रेस्कयू पर प्रधान मंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार, भास्कर खुल्बे ने कहा कि 45 मीटर के निशान से 6 मीटर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। कल रात ड्रिलिंग के दौरान एक लोहे की धातु आ गई थी, जिसके कारण काम रोक दिया गया था। हमें उम्मीद है कि आगे हमारे रास्ते में और कोई रुकावट नहीं होगी।"

Uttarakhand tunnel collapse Steel obstructing movement was removed and rescue became easier said Bhaskar Khulbe | Uttarakhand tunnel collapse: "आवाजाही में बाधा डालने वाले स्टील को हटाया गया, रेस्क्यू हुआ आसान", PM के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा

फोटो क्रेडिट- (एक्स)

Highlightsप्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा हम लक्ष्य के करीबबीती रात लोहे की धातु के आ जाने से काम में रुकावट हुई थीउन्होंने आगे कहा कि आगे कोई रुकावट नहीं होगी, काम जारी है

नई दिल्ली: उत्तरकाशी सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को लेकर चल रहे रेस्कयू पर प्रधान मंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार, भास्कर खुल्बे ने कहा, "आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि पाइप के अंदर की मुक्त आवाजाही में बाधा डालने वाला पूरा स्टील अब हटा लिया गया है।" 

उन्होंने आगे कहा कि 45 मीटर के निशान से 6 मीटर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। कल रात ड्रिलिंग के दौरान एक लोहे की धातु आ गई थी, जिसके कारण काम रोक दिया गया था। हमें उम्मीद है कि आगे हमारे रास्ते में और कोई रुकावट नहीं होगी।"

अंतरराष्ट्रीय टनल एक्सपर्ट ने कहा..
अंतरराष्ट्रीय टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि हम एकदम मुख्य द्वार पर हैं और हम उस पर दस्तक दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमें मालूम है कि फंसे हुए लोग दूसरी तरफ हैं। मैं एक बार देखने जा रहा हूं और देखिए आगे क्या होता है।  

वहीं, एसपी अर्पण यदुवंशी ने भी कहा, "हमारी रेस्कयू पूरा होने के बाद योजना तैयार है। हम श्रमिकों को पुलिस एस्कॉर्ट के साथ ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से ले जाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें संभव उपचार प्रदान किया जा रहा है। मुझे लगता है कि उन्हें चिन्यालीसौड़ ले जाया जाएगा और फिर यदि आवश्यक हुआ तो ऋषिकेश ले जाया जाएगा।"  

पिछले एक हफ्ते से बचाव कार्य जारी है, क्योंकि टनल में 41 श्रमिक फंसे हुए हैं। अब बचाव कार्य को लेकर बताया जा रहा है कि अब काम अपने अंतिम चरण में है। वहीं, 45 गहराई में पहुंचने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग का काम निरंतर जारी है।  

Web Title: Uttarakhand tunnel collapse Steel obstructing movement was removed and rescue became easier said Bhaskar Khulbe

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